Himachal News: हिमाचल प्रदेश के शिमला में बुधवार देर रात शिमला जिले के समेज क्षेत्र में बादल फटने की एक गंभीर घटना घटित हुई है। इस घटना के बाद 6 परिवारों के लापता होने की सूचना है, जिसमें करीब 15 से 20 लोग लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों की खोजबीन के लिए तलाश अभियान शुरू कर दिया गया है। समेज क्षेत्र में एसेंट हाइड्रो 6 मेगावाट प्रोजेक्ट के बहने की भी सूचना प्राप्त हुई है, जिससे परियोजना पर भी असर पड़ा है। इसके अतिरिक्त, 15/20 किलोमीटर दूर गांनवी गांव में भी देर रात करीब 11 बजे बादल फटा।
यहां पर जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है, लेकिन दो से तीन घर, खेत, बागीचे और स्कूल के भवन को नुकसान पहुंचा है। स्थानीय प्रशासन और राहत दलों ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। राहत कार्यों की निगरानी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।
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एसपी और डीसी मौके पर पहुंचे
रामपुर क्षेत्र के झाकड़ी में समेज खड्ड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के नजदीक बादल फटा है। वीरवार सुबह तड़के बादल फटने की सूचना जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में मिली। घटना स्थल के लिए उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी भी रवाना हो गए है।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम, पुलिस, रेस्क्यू दल घटना स्थल के रवाना हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमें प्राप्त सूचना के मुताबिक बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र से 19 लोगों के लापता होने की जानकारी है।एसडीएम रामपुर निशांत तोमर घटना स्थल पर पहुंच रहें है। सड़क कई जगह बंद होने के कारण उन्हें दो किलोमीटर पैदल ही उपकरणों के साथ जाना पड़ रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा राहत कार्य तुरंत आरंभ कर दिया है। उन्होंने कहा आईटीबीपी, स्पेशल होम गार्ड की टुकड़ी भी रेस्क्यू दल में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू कार्यों में सारी टीमें एक जुट होकर कार्य कर रही हैं। एंबुलेंस सहित सभी आधारभूत सुविधाएं रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल की गई है।
कमेटी का गठन
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है, जिसमें पुलिस, होम गार्ड, अग्निशमन दल, सुन्नी डैम प्रबंधन सहित अन्य विभागों को शामिल किया गया है।लारजी बांध के गेट 37 मीटर तक खोले गए हैं। पंडोह बांध के तीन गेट 10, 8 व 7 मीटर खोले गए हैं। बांध से करीब सवा लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।