Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बेटी के जन्म को लेकर एक खास एलान किया हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की इस योजना से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने का सही कदम है। उनकी योजना के माध्यम से, बेटी के जन्म को प्रोत्साहित किया जा रहा है और बेटियों की सुरक्षा और विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस तरह की सामाजिक योजनाएं भ्रूण हत्या और लड़कियों के प्रति भूमिका में सुधार करने में मदद कर सकती हैं।
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परिवार को बेटी के जन्म पर सहायता
आपको बता दे कि यह एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत परिवार को बेटी के जन्म पर आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस योजना के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन मुद्रा में अधिक से अधिक परिवारों को लाभ मिलेगा। जिससे कन्या भ्रूण हत्या के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।
CM सुक्खू ने ने इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत एक बेटी के बाद परिवार नियोजन अपनाने वाले परिवार को मिलने वाले 35 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपए करने तथा दो बेटियों के बाद परिवार नियोजन पर मिलने वाले 25 हजार रुपए की राशि को एक लाख रुपए करने की घोषणा की।
लड़कियां हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही
CM सुक्खू ने कहा कि लड़कियों का समाज में महत्वपूर्ण और सम्मानपूर्ण होना चाहिए और आज वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। इस तरह के कदम से समाज में लड़कियों के प्रति समर्थन और सम्मान को बढ़ावा मिल सकता है। साथ ही CM सुक्खू ने कहा कि लड़कियां आज हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। शिक्षा से लेकर सेना तथा अन्य क्षेत्रों में लड़कियां आगे निकल गई हैं। उन्होंने कहा कि वेदों और पुराणों में भी महिलाओं को अधिक सम्मान और महत्व दिया गया है। CM सुक्खू ने कहा कि लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकता बदल रही है, जिसमें 73वें और 74वें संविधान संशोधन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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33 प्रतिशत प्रतिनिधि का प्रस्ताव दिया
CM सुक्खू ने कहा प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने संविधान संशोधन के माध्यम से महिलाओं को 33 प्रतिशत प्रतिनिधि का प्रस्ताव दिया। जिससे समाज में लड़कियों के प्रति धीरे-धीरे-धीरे-धीरे दृष्टिकोण और आज हिमाचल प्रदेश की 56 प्रतिशत जनसंख्या में महिलाएं रह रही हैं। हिमाचल प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं में 56 प्रतिशत महिलाएं प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
बिल संसद में पास होना बहुत महत्वपूर्ण
33 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं को विधानसभा और संसद में शामिल करने का बिल संसद में पास होना बहुत महत्वपूर्ण है और इससे महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी में अधिक भागीदारी का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या रोकने के दृष्टिगत बेहतर काम करने के लिए जिला चंबा के भरमौर, जिला शिमला के ननखड़ी और मंडी जिला के जंजहैली ब्लाक को सम्मानित किया, जिनमें लिंगानुपात क्रमशः 1015, 1087 और 996 और इसके माध्यम से समाज में जागरूकता जगाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा
गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी एंड पीएनडीटी) अधिनियम 1994 के तहत आज शिमला में दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए CM सुक्खू ने कहा कि एसआरएस डाटा 2018-20 के अनुसार हिमाचल प्रदेश में लिंगानुपात 950 है, जो देश में तीसरे स्थान पर है तथा हमें पहले स्थान पर आने का लक्ष्य को हासिल करना होगा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है।
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ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली का शुभारंभ किया
जिसके बाद CM सुक्खू ने अधिनियम के तहत सोनोग्राफी मशीन का पंजीकरण कराने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली का शुभारंभ भी किया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के उपयोग से प्रतिभागी अपनी सुविधा अनुसार कहीं से भी पंजीकरण करवा सकते हैं। जिससे उनके समय की बचत होगी और प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। साथ ही प्रत्येक आवेदन की वास्तविक समय स्थिति को ट्रैक करना भी संभव होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली से एक सुरक्षित और प्रभावी डेटाबेस की सुविधा प्रदान करने में मददगार सिद्ध होगी।