Live-In Relationship : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने Live-In Relationship को लेकर अहम फैसला सुनाया है। बता दें कि लिव इन रिलेशनशिप को कई मामले सामने आए है, वहीं कोर्ट ने टिप्पणी करते हुएLive-In Relationship को टाइम पास जैसा करार दिया है। दरअसल अदालत ने लिव इन में रह रही एक हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की याचिका पर सुनवाई करते हुए Live-In Relationship को टाइम पास जैसा करार बताया, इसके साथ कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में Live-In Relationship को बेहद नाजुक और अस्थाई बताते हुए दोनों की याचिका भी खारिज कर दी है, इसके साथ हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता जरूर दी है, लेकिन ऐसे रिश्तों में ईमानदारी से ज्यादा एक दूसरे का मोह या आकर्षण ही होता है।
Read more : सर्द मौसम की वजह से हवा में प्रदूषण बढ़ा, इन शहरों का हाल हुआ खराब
Read more : युवा अधिवक्ता संघ आगरा मंडल ने विजयदशमी पर किया शस्त्र पूजन
क्या है पुरा मामला..
सूत्रों के मुताबिक – मथुरा जिले के रिफाइनरी थाना क्षेत्र की राधिका नाम की 22 साल की युवती घर छोड़कर साहिल नाम के युवक के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी थी। जिसके बाद 17 अगस्त को राधिका के परिवार वालों ने साहिल के खिलाफ मथुरा के रिफाइनरी थाने में आईपीसी की धारा 366 के तहत केस दर्ज कराया।परिवार वालों ने साहिल के खिलाफ मथुरा में अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया, और उन्होंने लड़की को जान का खतरा भी बताया था। इस पर कपल की तरफ से साहिल के चचेरे भाई अहसान फिरोज ने FIR रद्द किए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, वहीं याचिका में कहा गया कि FIR रद्द कर, गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए और पुलिस सुरक्षा दी जाए, इस पर जस्टिस राहुल चतुर्वेदी और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।
Read more : Dussehra 2023: औरैया में शाम 5 बजे होगा रावण पुतले का दहन, तैयारियों में जुटी कमेटी
कोर्ट ने कहा की..
याची ने दलील दी कि उसकी उम्र 20 साल से अधिक है और बालिग होने के नाते उसे अपना भविष्य तय करने का पूरा अधिकार है। वहीं लड़की ने कहा कि उसने लड़के को ,अपने प्रेमी के रूप में चुना है, जिसके साथ वह लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहती है।
Read more : विजयदशमी कार्यक्रम में RSS चीफ मोहन भागवत ने सभा को किया संबोधित
शिकायतकर्ता की तरफ से विरोध किया गया कि..
लड़की के साथी के खिलाफ आगरा के छाता थाने में गैंगस्टर एक्ट की धारा 2/3 के तहत प्राथमिकी दर्ज है, और वह एक रोड-रोमियो जिसके साथ युवती का कोई भविष्य नहीं है, वो निश्चित तौर पर लड़की का भविष्य बर्बाद कर देगा। अदालत ने मामले की सुनवाई के कोई भी सुरक्षा देने से इनकार कर दिया।