Weather: गुजरात (Gujarat) में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने राज्य के कई शहर बाढ़ की चपेट में आ गए है. इस प्राकृतिक आपदा के चलते राज्य में अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है. बाढ़ के कारण बिजली के कनेक्शन टूट जाने से कई इलाकों में लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. बारिश के कारण राज्य में 939 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें 7 राष्ट्रीय राजमार्ग, 66 राज्य राजमार्ग, 92 अन्य सड़कें और 774 पंचायत सड़कें शामिल हैं.
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PM मोदी ने स्थिति की जानकारी ली
बताते चले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को लगातार दूसरे दिन फोन करके राज्य की स्थिति की जानकारी ली और बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों के लिए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है. उन्होंने विशेष रूप से वडोदरा में विश्वामित्री नदी के उफान पर चिंता जताई और वहां राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ के बाद बीमारियों के फैलने से रोकने के लिए सफाई के उचित उपाय किए जाएं.
राहत और बचाव कार्य जारी
आपको बता दे कि गुजरात में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित वडोदरा, द्वारका, जामनगर, राजकोट और कच्छ जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), सेना, वायुसेना और भारतीय तटरक्षक बल के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं. अब तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 18,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा चुका है और करीब 1,200 लोगों को बचाया गया है. वडोदरा में महिला क्रिकेटर राधा यादव और उनके परिवार को भी बाढ़ से सुरक्षित निकाला गया. एनडीआरएफ ने बुधवार को उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला, जिसके लिए राधा यादव ने उनका आभार व्यक्त किया. वहीं, वायुसेना ने देवभूमि द्वारका में बाढ़ में फंसे चार लोगों को हेलिकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकाला.
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मौसम विभाग ने दी चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले छह दिनों के दौरान देश के 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इसमें ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र 30 अगस्त को पूर्वी अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है, जिससे भारी बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है.
अन्य राज्यों में भी भारी बारिश
वहीं, गुजरात के अलावा, राजस्थान के माउंट आबू और श्रीगंगानगर में भी भारी बारिश हुई है. श्रीगंगानगर के जैतसर में 80 मिलीमीटर और माउंट आबू में 49 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. अलवर, भरतपुर, बाड़मेर और उदयपुर जिलों में भी मध्यम बारिश हुई है. मौसम विभाग ने 30 अगस्त से 1 सितंबर तक राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना जताई है, जबकि 2 सितंबर से कोटा, उदयपुर और भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है.
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त्रिपुरा में भी बाढ़ का कहर
त्रिपुरा में भारी बाढ़ के कारण राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है. राज्य में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है, दो लोग घायल हैं और एक व्यक्ति लापता है. बाढ़ से 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्य में 369 राहत शिविरों में 53,356 लोग शरण लिए हुए हैं. केंद्र सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक पांच सदस्यीय टीम भेजी है.
कृषि पर मानसून का प्रभाव
इस वर्ष देश में मानसून की बारिश सितंबर के अंत तक जारी रह सकती है, जिससे फसल कटाई में देरी हो सकती है. इससे चावल, कपास, सोयाबीन, मक्का और दालों की फसलों को नुकसान हो सकता है, जो खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ाने का कारण बन सकता है. हालांकि, बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ेगी, जिससे सर्दियों में बोई जाने वाली फसलों जैसे गेहूं, रेपसीड और चना की खेती को लाभ मिलेगा. मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर के तीसरे हफ्ते में कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है, जिससे मानसून की वापसी में देरी हो सकती है. इससे देश की कृषि उत्पादन और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है.
भारत में फसलों को भारी नुकसान
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारी बारिश के कारण भारत में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. 2015 से 2021 के बीच 33.9 मिलियन हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है, जिसमें सूखे के कारण 35 मिलियन हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है. साल 2021 में देश को 159 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था. मानसून की देरी और अत्यधिक बारिश से फसलों के नुकसान की आशंका बढ़ गई है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था और कृषि पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.