Mathura Krishna Janmabhoomi Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को मथुरा श्री कृष्ण जन्म भूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ी अर्जियों पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और लंच के बाद दोपहर 2:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक लगभग 3:30 घंटे बहस हुई। मुख्य रुप से हिंदू पक्ष की ओर से सूट नंबर 18, सूट नंबर 11 और सूट नंबर 9 समेत कई अन्य अर्जियों पर बहस की गई। हालांकि, हिंदू पक्ष की बहस अभी पूरी नहीं हो पाई है। बुधवार दोपहर 2:00 बजे से फिर मामले की सुनवाई होगी। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच अर्जियों पर सुनवाई कर रही है।
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हिंदू पक्ष ने कोर्ट में कई साक्ष्य पेश किए
इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर दाखिल अर्जियों की पोषणीयता पर बहस चल रही है। उम्मीद है कि हिंदू पक्ष की बहस कल पूरी हो सकती है। हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में कई साक्ष्य पेश किए गए हैं। कोर्ट में दलील दी गई की श्री कृष्ण जन्मभूमि का टाइटल श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के पक्ष में है। खसरा खतौनी भी अदालत में पेश की गई। इसके अलावा नगर निगम का रिकॉर्ड भी अदालत में पेश किया गया। केस से जुड़े अधिवक्ताओं ने विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तकों का संदर्भ भी कोर्ट के समक्ष रखा।
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ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर दलील दी गई
इसमें प्रमुख रूप से अलेक्जेंडर कनिंघम की पुस्तक आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया, साकी मुस्ताद खान की माशीरे आलम गिरी और वी एस भटनागर की पुस्तक एंपरर औरंगज़ेब एंड डिस्ट्रक्शन आफ टेंपल्स पुस्तक को कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया। कोर्ट में ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर दलील दी गई कि किस तरह से मंदिरों को तोड़ा गया और उसके स्वरूप से छेड़छाड़ की गई। मंदिर पक्ष की ओर से दावा किया गया की ढाई एकड़ में बना शाही ईदगाह कोई मस्जिद नहीं है।
ईदगाह में केवल सालभर में दो बार नमाज पढ़ा जाती है। जबकि, मस्जिद में दिन भर में पांच बार नमाज होती है। कहा गया कि शाही ईदगाह का पूरा ढाई एकड़ का एरिया भगवान का गर्भगृह है। सियासी षड्यंत्र के तहत ईदगाह का निर्माण कराया गया। प्रतिवादी के पास कोई ऐसा रिकॉर्ड नहीं है। सीपीसी के आदेश सात नियम 11 इस वाद में लागू नहीं होता है।
HC,18 अर्जियों पर एक साथ सुनवाई कर रहा
मुस्लिम पक्ष यानि शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से आर्डर 7 रूल्स 11 के तहत अर्जियों की पोषणीयता को चुनौती दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट 18 अर्जियों पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। अयोध्या विवाद की तर्ज पर जिला अदालत के बजाय हाईकोर्ट में सीधे तौर पर सुनवाई हो रही है। ज्यादातर अर्जियों में शाही ईदगाह मस्जिद को हिन्दुओं का धार्मिक स्थल बताकर उसे हिन्दुओं को सौंपे जाने की मांग की गई है।
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