Delhi CM Arvind Kejriwal Case:दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था.इस पर सीएम केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.इस मामले में आज जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अदालत में सुनवाई की गई. जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने बचाव पक्ष और ED के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया है, जो बाद में सुनाया जाएगा।कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के वकील को अपनी लिखित दलील गुरुवार दोपहर तक दाखिल करने का निर्देश दिया है.बता दें कि,अरविंद केजरीवाल द्वारा याचिका दायर होने के बाद हाईकोर्ट ने ED से जवाब भी मांगा था.जिसमे ED ने हाईकोर्ट में अपनी दलील में मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस मामले का ‘किंगपिन’ बताया था।
Read More:33 साल बाद मनमोहन सिंह का राज्यसभा से कार्यकाल खत्म,जानिए कौन-कौन हो रहा रिटायर?
ED ने रखा अपना पक्ष
दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई की सुनवाई के दौरान ED ने अपना पक्ष रखते हुए कहा,शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की भूमिका दोहरी है….व्यक्तिगत तौर पर भी और आप के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते भी.उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध बनता है,क्योंकि रिश्वत के लिए नीति में बदलाव किया गया, रिश्वत ली गई, उस पैसे का इस्तेमाल चुनाव में किया गया.इसलिए ये कहने का कोई आधार नहीं है कि मेरे पास से कुछ नहीं मिला क्योंकि पैसा आया और खर्च हो गया.अपराध में शामिल होना भी अवैध है।
Read More:बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कांग्रेस का हाथ छोड़ थामा बीजेपी का साथ
AAP की दलील को बताया झूठा
सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ASG एसवी राजू ने कहा,अगर चुनाव से 2 दिन पहले कोई राजनेता कोई अपराध करता है तो क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.क्रिमिनल लॉ में किसी को इम्यूनिटी हासिल नहीं है,ये बिल्कुल बेतुकी दलील है कि चुनाव होने वाले है इसीलिए मुझे गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए था. अदालत जांच अधिकारी की जगह नहीं ले सकती है.ये तय करने का अधिकार पूरी तरह से जांच अधिकारी का होता है कि किसे, कब और क्यों गिरफ्तार करना है।
Read More:उज्जैन में भाई-बहन के सुसाइड केस में नया खुलासा,बच्चों के नसें काटने तक मां थी मौजूद..
केजरीवाल की ओर से सिंघवी ने रखा पक्ष
दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, केजरीवाल के खिलाफ पीएमएलए की धारा 50 के तहत कोई सामग्री नहीं है.ईडी ने पहला समन 30 अक्टूबर 2023 को भेजा और 9वां समन 16 मार्च 2024 को भेजा गया.पहले और आखिरी समन के बीच 6 महीने बीत गए और अब बिना किसी सबूत के केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया।
Read More:गृह मंत्री अमित शाह ने मुजफ्फरनगर में भरी चुनावी हुंकार,कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों को जमकर घेरा
“केजरीवाल और उनकी पार्टी को तोड़ने का प्रयास”
इस दौरान सिंघवी ने कहा कि ये केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों काकेजरीवाल की तरफ से प्रचार करने से रोकने के लिए ऐसा किया गया है. पहला वोट डाले जाने से पहले ही केजरीवाल और उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश है. उनके पास कोई सबूत नहीं हैं, सिर्फ सरकारी गवाहों के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया. रेड्डी को 10 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने 9 बयान दिए, जिसमें से 7 गिरफ्तारी से पहले दिए गए और 2 गिरफ्तारी के बाद.ये हास्यास्पद है कि जांच करने वाले कह रहे हैं कि जब तक आप केजरीवाल के खिलाफ बयान नहीं देंगे, हम बयान दर्ज करते रहेंगे।
Read More:मुख्तार अंसारी मौत मामले में सामने आया नया मोड़,एमपी-एमएलए कोर्ट ने जेल अधिकारी को किया तलब
ईडी ने केजरीवाल की जमानत याचिका का किया विरोध
ईडी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामले में जांच शुरुआती चरण में है और जहां तक केजरीवाल का सवाल है तो जांच अभी खत्म नहीं हुई है.ईडी की तरफ से पेश हुए वकील ASG राजू ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग का जो अपराध हुआ है वो स्पष्ट और संदेह से परे है।
Read More:सुशील कुमार मोदी को कैंसर,कहा ‘लोकसभा चुनाव में…’
गिरफ्तारी की टाइमिंग पर उठाया सवाल
केजरीवाल की तरफ से पक्ष रख रहे सिंघवी ने कहा कि,गिरफ्तारी की टाइमिंग ही ईडी की मंशा पर सवाल उठाने के लिए पर्याप्त है.ईडी का पहला समन अक्टूबर में जारी किया गया था लेकिन गिरफ्तारी मार्च में जाकर होती है.टाइमिंग देखा जाए तो PMLA के तहत गिरफ्तारी के लायक ईडी के पास कोई सबूत नही है.बिना किसी बयान को दर्ज किए इस केस मे गिरफ्तारी की गई है.PMLA के सेक्शन 15 और 19 में दिए गए प्रवधानों पर ये गिरफ्तारी खरी नहीं उतरती है.पहले समन और गिरफ्तारी के बीच केजरीवाल का बयान दर्ज नही किया गया।
Read More:राष्ट्रपति के मंजूरी के बाद UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना Uttarakhand
क्या केजरीवाल के भागने की संभावना है- सिंघवी
हाईकोर्ट में केजरीवाल की दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि, क्या केजरीवाल के भागने की संभावना थी? क्या उन्होंने डेढ़ साल में किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की. क्या उन्होंने पूछताछ से इंकार किया? केजरीवाल ने ईडी के हर समन का विस्तार से जवाब दिया है. गिरफ्तारी का एकमात्र उद्देश्य उन्हें अपमानित करना है.गिरफ्तारी का असली उद्देश्य मुझे अक्षम बनाना है।ईडी कह रही है कि उन्हें आगे चलकर CM की भूमिका का पता लगाना है,ये आज उनकी गिरफ्तारी का आधार कैसे हो गया।