NEET UG Paper Leak Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज नीट यूजीसी पेपर लीक (NEET UGC paper leak) मामले की सुनवाई की शुरुआत हुई. छात्रों की ओर से पेपर रद्द करने की मांग को लेकर उनके वकील ने कोर्ट में कुछ अहम बातें रखीं. उन्होंने बताया कि 5 मई को परीक्षा हुई थी और 14 जून को परिणाम आना था, लेकिन यह परिणाम 4 जून को ही घोषित कर दिया गया. वकील ने दावा किया कि परीक्षा से एक दिन पहले ही एक टेलीग्राम चैनल (Telegram channel) पर जानकारी उपलब्ध थी कि अगले दिन होने वाले नीट का पेपर और उसके उत्तर पहले से मौजूद हैं.
NTA ने स्वीकार पेपर लीक हुआ ?
बताते चले कि इसी कड़ी में आगे छात्रों के वकील ने कहा कि एनटीए ने स्वीकार किया कि कुछ छात्रों को गलत पेपर मिले थे. वकील ने बताया कि कई शिकायतें सामने आईं, जिनमें नीट का पेपर लीक होने का दावा किया गया है. पटना में इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई.
Read More: कमेंट करने पर Armaan Malik ने Vishal Pandey को मारा थप्पड़…
बिहार पुलिस की जांच और कोर्ट के सवाल
कोर्ट में वकील ने बताया कि बिहार पुलिस की प्रारंभिक जांच में बड़े पैमाने पर पेपर लीक होने के प्रमाण मिले हैं. परीक्षा में 67 छात्रों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें से 6 एक ही सेंटर से थे. कोर्ट ने पूछा कि इनमें से कितने छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिले थे, जिस पर वकील ने जवाब दिया कि एक भी नहीं. वकील ने कहा कि इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ जब दो-तीन से ज्यादा छात्रों को पूरे अंक मिले हों. कोर्ट ने कहा कि 2 सेंटरों के 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिले, जिनमें से 6 छात्रों के 720 में से 720 अंक आए थे.
Read More: MP हाईकोर्ट का दुष्कर्म मामले में बड़ा फैसला…प्रेमी के खिलाफ दर्ज रेप केस को किया निरस्त
सिस्टम की खामियों और CBI जांच की मांग
वकील ने तर्क दिया कि अगर सिस्टम के लेवल पर ही फ्रॉड हो रहा है तो पूरी परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं. बिहार पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह सिस्टम की खामी रही है. एनटीए की तरफ से कहा गया कि गड़बड़ी छोटे पैमाने पर हुई, लेकिन कई राज्यों में एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई.
Read More: रामप्रस्था ग्रीन कैंपस में भव्य देवी मंदिर की स्थापना, विशाल शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब
सरकार की स्वीकारोक्ति और छात्रों की मांग
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट में स्वीकार किया कि पटना में पेपर लीक का मामला सामने आया है, जिसमें आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. छात्रों के वकील ने कहा कि व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैनल पर पेपर लीक होने के सबूत मौजूद हैं. बिहार पुलिस (Bihar Police) की जांच में पता चला कि पेपर को वाई-फाई प्रिंटर के जरिए प्रिंट किया गया. इस प्रकार, अलग-अलग ग्रुप्स के बारे में भी जानकारी मिली है.
Read More: आज से शुरू हुई UP के परिषदीय विद्यालयों में Digital Attendance, शिक्षकों ने जताई नाराजगी