Health tips: आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में लोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे हैं। तनाव, चिंता, और खराब जीवनशैली के कारण शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ घर कर रही हैं। लेकिन योग और चक्र साधना का अभ्यास करके इन समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। योग गुरु कहते हैं कि नाभि, जो शरीर का केन्द्र बिंदु है, में छुपे हैं सेहतमंद रहने के कई राज।
क्या है ‘मणिपुर चक्र’?

नाभि को भारतीय योग पद्धतियों में विशेष महत्व दिया जाता है। यह शरीर के ऊर्जा केंद्रों में से एक है, जिसे ‘मणिपुर चक्र’ भी कहा जाता है। यह चक्र शरीर के भीतर पाचन और ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करता है। नाभि के आसपास स्थित यह चक्र हमें जीवन में सक्रियता, मानसिक शांति और शरीर की मजबूती प्रदान करता है।
शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मानसिक स्थिति भी बेहतर
योग गुरु के अनुसार, मणिपुर चक्र की साधना से शरीर के भीतर ऊर्जा का सही तरीके से संचार होता है, जिससे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक स्थिति भी बेहतर होती है। यदि यह चक्र संतुलित होता है, तो व्यक्ति आत्मविश्वास से भरपूर और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम होता है। इसके विपरीत, अगर यह चक्र अवरुद्ध हो जाता है, तो व्यक्ति में थकावट, चिंता और नकारात्मक विचारों का प्रभाव बढ़ सकता है।
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चक्र साधना से श्वास की गति जागृत

चक्र साधना के माध्यम से मणिपुर चक्र को सक्रिय किया जा सकता है। इसके लिए विशेष प्रकार की श्वास साधना और ध्यान की आवश्यकता होती है। योग गुरु बताते हैं कि नाभि क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करके, श्वास की गति को नियंत्रित करते हुए हम इस चक्र को जागृत कर सकते हैं। इससे शरीर में ऊर्जा का संचार बढ़ता है और व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
पाचन तंत्र भी मजबूत
नाभि क्षेत्र में ध्यान लगाने से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है, जिससे पेट की समस्याओं से राहत मिलती है। इसके अलावा, नाभि की सक्रियता से शरीर की मांसपेशियाँ भी मजबूत होती हैं और शरीर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।