आगरा संवाददाता : Zeeshan Ahmad
आगरा: स्वास्थ विभाग की टीम ने मंगलवार दोपहर शहीद नगर स्थित नया सवेरा हॉस्पिटल में पहुंचकर जांच पड़ताल की,जांच में टीम को पता चला की यह हॉस्पिटल सालों से बिना लायसेंस के संचालित है, तब टीम ने हॉस्पिटल संचालक को लायसेंस का आवेदन करने की सलाह देकर समय दे दिया,इतना ही नहीं यहाँ जांच करने आए एसीएमओ ने बताया की हॉस्पिटल के पास अग्निशमन एन ओ सी है,जबकी मुख्य अग्निशमन अधिकारी डीके सिंह ने बताया की नया सवेरा हॉस्पिटल ने एन ओ सी के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया है।
स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी
स्वास्थ विभाग अकेला ऐसा विभाग है जिसे लोग खुलेआम चुनौती देते हैं, जब व विभाग के राजस्व को छूना लगाते और लोगों की ज़िन्दगी से खिलवाड़ करते जांच में पकड़े जाते हैं,तब स्वास्थ विभाग उन्हें व्यवस्थाएं बनाने के लिए समय देता है,ऐसा ही एक मामला शहीद नगर स्थित नया सवेरा हॉस्पिटल का है.इस हॉस्पिटल का संचालन सालों से निरंतर जारी है। बड़ी बात यह है की इस हॉस्पिटल के पास स्वास्थ विभाग का लायसेंस नहीं है। मंगलवार को स्वास्थ विभाग की टीम जांच करने पहुंची, जांच में लायसेंस नहीं मिला, साथ ही और भी कमियाँ पाई गई, तब टीम ने उन्हें बताया की वह लायसेंस के लिए आवेदन करें,यानी सालों से बे खौफ होकर हॉस्पिटल का संचालन कर रहे संचालक को टीम ने लायसेंस कराने की सलाह देकर समय दे दिया।
सालों से बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था
अब सवाल यह खड़ा होता है की आखिर किसकी शह पर जा रही है । स्वास्थ विभाग समय रहते नियमो की धज्जियां उड़ाने वाले डॉक्टरों पर ठोस कार्यवाही क्यों नहीं करता है,और अगर जांच में यह लोग पकड़े जाते हैं। तब इन्हें बिना ठोस कार्यवाही किये क्यों छोड़ दिया जाता है.स्वास्थ विभाग का इकबाल दिन बा दिन गिरता चला जा रहा है। खुलेआम अनियमिता बरतने वाले नियमो को चुनौती देने वाले डॉक्टरों हॉस्पिटल संचालकों के खिलाफ कार्यवाही ना करना विभाग पर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है।प्रश्न यह भी है की.मौके पर बिना लायसेंस के चल रहे अस्पताल को स्वास्थ विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने की जगह सलाह देकर क्यों छोड़ देते हैं । स्वास्थ विभाग की यह ढील विभाग पर आरोपों का झाड़ खडा कर देती है।
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24 घंटे में दस्तवेज़ दिखाने का समय
अब सवाल यह है की नया सवेरा या उसके जेसे कई हॉस्पिटल शहीद नगर आवासीय योजना के लिए बनाए गए भूखंडों में संचालित है। इनके आई सी यू और स्वास्थ सेवाओं को देखकर लगता है की स्वास्थ सेवाओं के नाम पर स्वास्थ विभाग को यह अस्पताल चुनौती दे रहे हैं।और इन अस्पतालों की गुंडा गर्दी को विभाग बर्दाश्त कर रहा है। स्वास्थ विभाग में बेठे ज़िम्मेदार अधिकारियों को सोचना चाहिए की जिन भूखंडों में एक परिवार ठीक से नहीं रह सकता वहाँ कई – कई गंभीर मरीज़ भरती हैं।दीवार उठाने आई सी यु बनाने की जगह नहीं मिली तब फाइबर की दीवार बनाकर आई सी यु बनाकर काम चला रहे हैं.और मरीजों से पूरे पैसे वसूल रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो बंद होगा हॉस्पिटल
नया सवेरा हॉस्पिटल में जांच करने गए अधिकारी का कहना है की, हॉस्पिटल के पास स्वास्थ विभाग का रजिस्ट्रेशन नहीं है, इसलिए हमने इन्हें कल तक का समय दिया है, और मरीज़ भरती करने पर रोक लगा दी है। मानकों के हिसाब से ही रजिस्ट्रेशन दिया जाएगा,और अगर मानक नहीं होंगे तब इस हॉस्पिटल को बंद कराना होगा। उन्होंने बताया की पहले कभी इनके द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है। फायर विभाग की एन ओ सी पर उन्होंने बताया की हॉस्पिटल के पास फायर एन ओ सी है, जबकि मुख्य अग्निशमन अधिकारी डी के सिंह का कहना है की ।
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ठोस कार्यवाही ना करना करता है सवाल खड़े
नया सवेरा हॉस्पिटल ने हमें कभी आवेदन नहीं किया। जब यह आवेदन करेंगे तब अग्निशमन विभाग द्वारा निरिक्षण किया जाएगा।अगर एन ओ सी होने लायक होगा तब निर्गित की जायेगी।अभी इन्होने आवेदन नहीं किया है, फायर के सारे नोम्स पूरे करने होंगे तभी एन ओ सी दी जायेगी, फायर अधिकारी की बात माने तो नया सवेरा हॉस्पिटल ने अब तक फायर एन ओ सी के लिए आवेदन किया ही नहीं है,तो स्वास्थ विभाग के जांच अधिकारी हॉस्पिटल के पास फायर एन ओ सी होने की बात क्यों कह रहे हैं, खेर जो भी लेकिन नया सवेरा हॉस्पिटल सालों से बिना लायसेंस के चल रहा है,उस पर ठोस कार्यवाही ना करना सवाल खड़े करता है।