Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras Stampede) में सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग बुरी घायल हो गए हैं। सत्संग का आयोजन ‘भोले बाबा’ उर्फ बाबा नारायण हरि के संगठन ने किया था। मरने वालों में सात बच्चे और 100 से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। दर्दनाक हादसे के बाद सत्संग स्थल श्मशान घाट जैसा बन गया। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) आज घटना स्थल का जायजा करने पहुंचे जहाँ उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषणा की कि हाथरस में सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 121 भक्तों की मौत हो गई है। इस घटना में मारे गए लोग उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के थे। उत्तर प्रदेश में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, फैजाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, गौतमबुद्धनगर सहित 16 जनपदों के लोग शामिल थे। मृतकों में से 6 अन्य राज्यों के थे।
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न्यायिक जांच का दिया आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की। हाईकोर्ट के एक जज की अध्यक्षता में यह जांच कमेटी बनेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे सजा दी जाएगी और इस तरह के हादसे दोबारा न हों, इसके लिए सुझाव और एसओपी बनाई जाएगी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की घटनाओं के पीछे की साजिश और जिम्मेदार लोगों की पहचान के लिए गहन जांच की जाएगी।
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राहत और बचाव अभियान जारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि हादसे के बाद तुरंत राहत और बचाव अभियान चलाया गया। 31 घायलों का हाथरस, एटा और आगरा के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों से बातचीत में पता चला कि हादसा कार्यक्रम के बाद हुआ, जब सज्जन के उपदेश समाप्त होने के बाद भीड़ अनियंत्रित हो गई। सेवादार भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाए और प्रशासन को भी अंदर जाने से रोक दिया।
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एसआईटी की रिपोर्ट
ADG आगरा की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में घटना की तह तक जाने का निर्देश दिया है। प्रारंभिक जांच में सेवादारों द्वारा घटना को दबाने का प्रयास और घटना स्थल से भाग जाने की बात सामने आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस न्यायिक जांच का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुखद और दर्दनाक घटना की तह तक जाने के लिए शासन स्तर पर व्यवस्था बनाई है। उन्होंने कहा, “हमें राजनीति से ऊपर उठकर ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए मिलकर काम करना चाहिए।” मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस घटना की गहन जांच कराएं और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएं।
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