Hathras: हाथरस (Hathras) में बाबा भोले के सत्संग में घटित हादसे के बाद, शहर में भगदड़ और अव्यवस्था का माहौल छाया हुआ है. यह हादसा इतना भयानक रहा कि लोग अब अस्पतालों में अपने प्रियजनों की खोज में व्यस्त हैं. घायलों और मृतकों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है, लेकिन कई लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. हादसे के बाद अब तक मृतकों की संख्या 121 तक पहुंच चुकी है, और इसमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. प्रशासन ने मरने वालों की सूची जारी कर दी है, जिसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लिखित है कि इस हादसे में जादातर महिलाएं और बच्चे प्रभावित हुए हैं.
मृतकों में ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल
आपको बता दे कि हाथरस हादसे को लेकर प्रशासन की ओर से जारी सूची के मुताबिक मरने वालों में ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. घटना के बाद तमाम आला अधिकारी मौक़े पर मौजूद हैं.
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डीजीपी प्रशांत कुमार हादसे स्थल पर पहुंचे
आपको बता दे कि मंगलवार शाम को, डीजीपी प्रशांत कुमार (DGP Prashant Kumar) भी हादसे स्थल पर पहुंचे और मौजूद आला अधिकारियों के साथ हालात का निरीक्षण किया. डीजीपी ने बताया कि इस मामले में व्यापक जांच की जा रही है और अब तक एफआईआर दर्ज कर ली गई है. उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
किसके खिलाफ दर्ज हुई FIR ?
हाथरस (Hathras) में सत्संग के दौरान भगदड़ मच जाने के बाद 100 से अधिक लोगों की मौत के मामले में पुलिस जांच और कार्रवाई कर रही है. पुलिस तेजी से इस मामले की जांच कर रही है. एफआईआर हाथरस (Hathras) के सिकंदराराऊ थाने में 2 जुलाई 2024 को रात करीब 10:18 बजे दर्ज हुई है, जिसमें भोले बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ धाराएं शामिल हैं.
विभागीय मंत्री असीम अरुण पहुंचे हाथरस
विभागीय मंत्री असीम अरुण (Departmental minister Asim Arun) सीएम योगी के निर्देष पर हाथरस पहुंचे. यहां पहुंच कर उन्होंने जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक चीज मैं कह सकता हूं कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले की पूरी कड़ाई से जांच की जाएगी. इसके लिए एडीजी आगरा जोन (ADG Agra Zone) के नेतृत्व में टीम का गठन कर दिया गया है. जिसे 24 घंटे के अंदर जांच करके रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देनी है.
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डीजीपी ने परिस्थितियों का निरीक्षण किया
बताते चले कि डीजीपी प्रशांत कुमार (DGP Prashant Kumar) ने घटनास्थल पर पहुंचकर परिस्थितियों का निरीक्षण किया और अस्पतालों में घायलों की हालत की जानकारी ली. डीजीपी (DGP Prashant Kumar) ने बताया कि सत्संग में क्या व्यवस्थाएं थीं और कितना नियमों का पालन हुआ, इसका विश्लेषण जांच के दौरान होगा. एफआईआर दर्ज कराई गई है और जांच में जो भी आरोपी सामने आएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस हादसे में निष्कर्ष तब तक नहीं निकाला जाएगा जब तक कि पूरी जांच पूरी न हो जाए.
कैसे मची भगदड़ ?
सत्संग के कार्यक्रम में लगभग एक लाख लोग उपस्थित थे. सत्संग के समापन के बाद, महिलाएं बाबा के पास जाकर उनके पैर छूने की कोशिश करने लगीं, जिससे भगदड़ मच गई और हादसा हो गया. डीजीपी (DGP Prashant Kumar) ने साफ किया कि वे जांच को ध्यान में रखकर किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं और जांच का पूरा दायरा खुला रहेगा.