Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस गठबंधन की कोशिशों में जुटी हुई हैं। दोनों पार्टियों की आज एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जहां चुनावी गठबंधन पर चर्चा की गई। हालांकि अभी तक गठबंधन की तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है, लेकिन कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने बैठक के बाद बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “गठबंधन जल्द ही अंतिम रूप ले लेगा। आप को अच्छी संख्या में सीटें दी जा रही हैं।” बाबरिया के इस बयान से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन जल्द ही साकार हो सकता है।
आम आदमी पार्टी की 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी
आम आदमी पार्टी पहले ही हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है। पार्टी प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने शनिवार को कहा था कि AAP हरियाणा की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। हालांकि, इस संबंध में अब तक पार्टी की ओर से कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। यदि गठबंधन पर अंतिम फैसला नहीं हो पाता, तो पार्टी अगले एक-दो दिनों में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकती है। आज हुई कांग्रेस और AAP के बीच बैठक में गठबंधन को लेकर गंभीर चर्चा हुई। दीपक बाबरिया के बयान के बाद गठबंधन की संभावनाएं और प्रबल हो गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि गठबंधन होता है, तो कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी करेगी और संभावित रूप से कुछ उम्मीदवारों को बदला भी जा सकता है।
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भाजपा को गठबंधन से हो सकता है बड़ा नुकसान
AAP और कांग्रेस के गठबंधन से हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। भाजपा में उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के बाद से ही पार्टी के अंदर असंतोष बढ़ता जा रहा है। कई वरिष्ठ नेता और मंत्री पार्टी छोड़ने का मन बना चुके हैं। इस स्थिति में यदि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन होता है, तो यह भाजपा के लिए और भी बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
यह भी महत्वपूर्ण है कि हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में AAP की सरकार है, जहां पार्टी को सत्ता में आने के बाद अच्छा समर्थन मिला है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनावों के बाद अपने संगठन में सुधार किया है और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है। अगर ये दोनों पार्टियां साथ आती हैं, तो हरियाणा की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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गठबंधन की संभावनाओं पर राजनीतिक हलचल तेज
AAP और कांग्रेस के गठबंधन की संभावनाओं पर अभी तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच बैठकें जारी हैं। सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे और अन्य चुनावी मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनाने की कोशिशें जारी हैं। अगर यह गठबंधन सफल होता है, तो भाजपा के लिए हरियाणा में सत्ता बरकरार रखना एक कठिन चुनौती साबित हो सकता है। फिलहाल, राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है, और गठबंधन की अंतिम घोषणा का सभी को बेसब्री से इंतजार है। अगर दोनों पार्टियां साथ आती हैं, तो इसका प्रभाव हरियाणा की चुनावी गणित पर गहरा असर डाल सकता है, जहां मतदाताओं की जातीय और सामाजिक समीकरणों का खासा महत्व है।
AAP और कांग्रेस का गठबंधन: क्या गुल खिला सकता है?
हरियाणा में AAP और कांग्रेस के संभावित गठबंधन से न केवल राज्य की राजनीति में नया समीकरण बनेगा, बल्कि भाजपा के सामने एक बड़ा विपक्षी मोर्चा खड़ा हो जाएगा। दोनों पार्टियों के पास मजबूत संगठन और कार्यकर्ता आधार है, जो मिलकर भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। कांग्रेस का लंबे समय से हरियाणा में मजबूत जनाधार रहा है, जबकि AAP की लोकप्रियता पंजाब की सीमा से सटे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है। इस गठबंधन से न केवल कांग्रेस को फायदा होगा, बल्कि आम आदमी पार्टी भी हरियाणा में अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है।
अंतिम फैसला आने का इंतजार
भले ही अभी गठबंधन को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच बढ़ते संवाद और दीपक बाबरिया के बयान से स्पष्ट है कि गठबंधन की दिशा में बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा इस संभावित गठबंधन के खिलाफ अपनी रणनीति में बदलाव लाएगी या फिर पार्टी अपने मौजूदा चुनावी अभियान पर भरोसा जताएगी। हरियाणा की राजनीतिक तस्वीर धीरे-धीरे साफ हो रही है, लेकिन अंतिम मोड़ पर कौन सी पार्टी बाजी मारेगी, यह तो समय ही बताएगा।