Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की लगातार जीत की हैट्रिक सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पूरी ताकत झोंक दी है। आरएसएस के सभी अनुषांगिक संगठन भाजपा के साथ खड़े हैं और चुनाव के टिकट वितरण से लेकर रणनीति तैयार करने तक सभी मामलों में संघ का हस्तक्षेप बढ़ गया है। संघ की कोशिश है कि भाजपा की जीत के लिए मत प्रतिशत को बढ़ाया जाए और 60 फीसदी सीटों पर प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले बढ़त हासिल की जाए।
लोकसभा चुनाव की समीक्षा
लोकसभा चुनाव के निराशाजनक प्रदर्शन की समीक्षा में यह सामने आया कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी, अंदरूनी कलह और अति आत्मविश्वास के कारण पार्टी को नुकसान हुआ। पार्टी के आधे से अधिक बूथों पर प्रतिद्वंद्वियों से पिछड़ने का कारण लचर प्रबंधन और कार्यकर्ताओं की उदासीनता थी। संघ ने भाजपा को सलाह दी है कि मतदान से पहले प्रत्येक परिवार से संपर्क साधा जाए और प्रत्येक बूथ पर भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं की सक्रियता सुनिश्चित की जाए।
नए और युवा चेहरों को टिकट देने की तैयारी
संघ ने भाजपा को सलाह दी है कि वह वरिष्ठ नेताओं को टिकट दे और मौजूदा विधायकों में से 40 फीसदी को चुनावी मैदान से बाहर करे। संघ का मानना है कि सत्ता विरोधी लहर से बचने और पार्टी की छवि सुधारने के लिए नए और युवा चेहरों को मौका देना जरूरी है। इस प्रकार, भाजपा इस चुनाव में कुछ नामी और पुराने नेताओं को टिकट न देने का फैसला कर सकती है। आरएसएस ने भाजपा हाईकमान को सलाह दी है कि चुनावी मैदान में नए चेहरों को मौका दिया जाए। संघ ने सुझाव दिया है कि पार्टी 70 फीसदी सीटों पर नए उम्मीदवारों को उतारे।
इस सलाह का उद्देश्य चुनाव में युवाओं और नए चेहरों को तरजीह देना है ताकि पार्टी की छवि को ताजगी मिल सके और आम मतदाताओं से जुड़ाव बढ़ सके। इसके लिए संघ ने 90 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का पैनल भी तैयार किया है।
हर सीट पर विस्तृत कंसल्टेशन की जरूरत
संघ के पदाधिकारियों ने भाजपा नेताओं को सुझाव दिया है कि चुनाव के लिए हर सीट पर चार से पांच उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया जाए। पारंपरिक रूप से 2-3 नामों की जगह 4-5 नामों का पैनल बनाकर उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित किया जाए। इससे पार्टी के सामने अधिक विकल्प होंगे और विनिबलिटी के आधार पर प्रत्याशी का चयन किया जा सकेगा।
आरएसएस और भाजपा की बैठक में उठे महत्वपूर्ण मुद्दे
हाल ही में फरीदाबाद में आरएसएस और भाजपा की दो दिवसीय बैठक में हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, लोकसभा सांसद बिप्लब देब, सीएम के प्रतिनिधि नायब सैनी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस बैठक में संघ ने हरियाणा चुनाव के लिए विशेष सुझाव दिए, जिनमें युवाओं को अधिक मौका देने की सलाह शामिल थी।
आरएसएस का भाजपा को हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने के लिए पूर्ण समर्थन और रणनीतिक मार्गदर्शन इस बात की ओर इशारा करता है कि संघ और भाजपा मिलकर चुनावी मैदान में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। संघ की सलाह और रणनीतियों पर अमल करके भाजपा इस बार हरियाणा में अपनी जीत की हैट्रिक को सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी।