Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पहली सूची जल्द जारी हो सकती है। पार्टी में इस समय विभिन्न नेताओं के नाम पर चर्चा चल रही है, जिनमें कुछ पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। कुल मिलाकर, 21 ऐसे प्रमुख नेता हैं जिनके नाम पहली सूची में शामिल किए जा सकते हैं। हाल ही में हुई भाजपा की चुनाव समिति की बैठक में इन संभावित उम्मीदवारों के नाम पर गहन चर्चा की गई है।
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भाजपा की संभावित पहली सूची में प्रमुख चेहरे
यहां उन नेताओं की सूची दी गई है जो भाजपा की पहली लिस्ट में संभावित रूप से शामिल हो सकते हैं:
- फरीदाबाद ओल्ड: विपुल गोयल
- तिगांव: राजेश नागर
- पृथला: दीपक डागर
- बल्लभगढ़: मूलचंद शर्मा
- होडल: हरेंद्र राम रतन
- पलवल: गौरव गौतम
- सोहना: तेजपाल तंवर
- अटेली: आरती राव
- रेवाड़ी: मंजू यादव
- बावल: संजय मेहरा
- नांगल: चौधरी अभय सिंह यादव
- लाडवा: नायब सिंह सैनी
- अंबाला कैंट: अनिल विज
- अंबाला सिटी: असीम गोयल
- थानेसर: सुभाष सुधा
- जींद: महिपाल डांडा
- पानीपत: प्रमोद विज
- जींद: कृष्ण मिड्डा
- लोहारू: जेपी दलाल
- तोशाम: श्रुति चौधरी
- जगाधरी: कंवर पाल गुर्जर
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भाजपा के सामने कई चुनौतियां
भाजपा को हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ये चुनौतियां भाजपा की चुनावी रणनीति और संभावनाओं पर गहरा असर डाल सकती हैं:
- सत्ता विरोधी लहर: हरियाणा में 1977 के बाद से कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार नहीं बना पाई है। लोकसभा चुनाव के परिणामों से यह स्पष्ट है कि भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर चल रही है। ऐसी स्थिति में भाजपा को सबसे पहले इस लहर का प्रभाव कम करने के उपाय खोजने होंगे।
- किसानों का मुद्दा: किसानों का मुद्दा विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की नाराजगी अभी भी बनी हुई है। ग्रामीण इलाकों में बीजेपी के प्रति रोष और एमएसपी की मांग ने इस मुद्दे को और भी संवेदनशील बना दिया है।
- जातिगत समीकरण: हरियाणा का जातिगत समीकरण काफी जटिल है, जिसे संभालना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। विशेषकर जाट समुदाय और दलित वोटों को लेकर बीजेपी को संतुलन बनाए रखना होगा। बीएसी जैसे क्षेत्रीय दल भी चुनावी मैदान में हैं, जो वोटों को प्रभावित कर सकते हैं।
- आंतरिक गुटबाजी: भाजपा में आंतरिक गुटबाजी की समस्या भी महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी और उनके समर्थकों का भाजपा के खिलाफ हो जाना एक चुनौती बन सकता है।
- सेना और अग्निवीर मुद्दा: हरियाणा की एक बड़ी आबादी सेना में जाने की तैयारी करती है, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले युवा। अग्निवीर योजना और महिला पहलवानों के साथ हुए विवाद से भाजपा की छवि को नुकसान हो सकता है, जिसका चुनाव परिणाम पर असर पड़ सकता है।
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