Hartalika Teej 2024: भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस वर्ष यह व्रत 6 सितंबर को मनाया जा रहा है। खासकर सुहागन महिलाएं इस दिन अपने पति की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत करती हैं, जबकि कुंवारी लड़कियां अच्छे और योग्य पति की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। इसे तप साध्य व्रत भी माना जाता है, और इस दिन राहुकाल के दौरान पूजा नहीं करने की सलाह दी जाती है।
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हरतालिका तीज का धार्मिक महत्व और पौराणिक कथा
हरतालिका तीज का व्रत एक पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है, जिसमें देवी पार्वती की भगवान शिव के प्रति गहरी भक्ति और तपस्या का उल्लेख है। कथा के अनुसार, माता पार्वती ने अपने पति भगवान शिव की अपमानजनक स्थिति को सहन नहीं किया और स्वयं को यज्ञ की अग्नि में भस्म कर दिया। इसके बाद उन्होंने राजा हिमाचल के घर में अगला जन्म लिया और भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या 12 वर्षों तक चली, जिसमें उन्होंने अन्न का भी त्याग किया। देवी पार्वती की इस कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तब से महिलाएं हरतालिका तीज के दिन अखंड सौभाग्य के लिए इस व्रत का पालन करती हैं।
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पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
हरतालिका तीज के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर को सुबह 06:02 बजे से 08:33 बजे तक है। यदि महिलाएं इस समय पूजा नहीं कर पातीं, तो वे सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में भी पूजा कर सकती हैं, जो कि सूर्यास्त के बाद 06:36 बजे शुरू होता है। अभिजीत मुहूर्त 11:54 बजे से 12:44 बजे तक रहेगा, जो पूजा के लिए एक और शुभ समय है।
इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास करती हैं और शाम को स्नान के बाद भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं। 24 घंटे का उपवास पूरा करने के बाद, अगले दिन शनिवार को पारण किया जाता है। इस बार हरतालिका तीज विशेष है क्योंकि यह रवि योग, शुक्ल योग और हस्त नक्षत्र के संयोग में आ रही है।
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धन और सौभाग्य प्राप्ति के उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हरतालिका तीज के दिन विशेष उपाय करने से धन और सौभाग्य प्राप्त किया जा सकता है।
- घर में कपूर जलाएं – यदि आप आज के दिन कपूर जलाकर पूरे घर में इसकी रोशनी फैलाते हैं, तो इससे घर की नकारात्मकता दूर होती है। सकारात्मक वाइब्स वाले घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है, जिससे आर्थिक और मानसिक शांति मिलती है।
- भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा – मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भगवान विष्णु के साथ उनकी पूजा भी करनी चाहिए। सुबह के समय दूध से अभिषेक कर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इस दिन विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए मां लक्ष्मी को शंख, कौड़ी, मखाने और अन्य सफेद वस्तुएं अर्पित करें। पूजा करते समय अपनी मनोकामना व्यक्त करें, इससे आपके जीवन में खुशियों का आगमन हो सकता है।
मुहूर्त की जानकारी
- चर-सामान्य मुहूर्त: सुबह 06:02 बजे से 07:36 बजे तक
- लाभ-उन्नति मुहूर्त: सुबह 07:36 बजे से 09:10 बजे तक
- अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 09:10 बजे से 10:45 बजे तक
- शुभ-उत्तम मुहूर्त: दोपहर 12:19 बजे से 01:53 बजे तक
- चर-सामान्य मुहूर्त: शाम 05:02 बजे से 06:36 बजे तक
हरतालिका तीज का यह पर्व महिलाओं के लिए एक विशेष अवसर है, जब वे अपने परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए संकल्पित होती हैं। इस पर्व की पूजा विधि और विशेष मुहूर्त का पालन कर महिलाएं न केवल अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं, बल्कि आर्थिक और व्यक्तिगत सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी प्रार्थना करती हैं।
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