Hardoi News: हरदोई-लखनऊ मार्ग पर सिनेमा चौराहा से कुछ आगे मंगलवार की देर शाम को दो बाइक सवार युवकों ने वरिष्ठ अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा के घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी। पहले युवकों ने मुंशी से कोर्ट मैरिज कराने के बारे में जानकारी ली और जैसे ही अधिवक्ता सामने आए, उन्होंने कनपटी में गोली मार दी और फरार हो गए। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
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घर में घुसे हमलावर
बाबू सिंह पत्रकार वाली गली के सामने स्थित क्रिमिनल के वरिष्ठ अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा (स्व. जुगुल नारायण मेहरोत्रा के पुत्र) रहते थे। मंगलवार की शाम को वह घर पर ही थे और उनके मुंशी गिरीश चंद्र चैंबर में बैठे थे। उसी समय बाइक से दो युवक पहुंचे और मुंशी से कोर्ट मैरिज के बारे में जानकारी मांगी। मुंशी ने युवकों को चैंबर में बैठाकर वकील साहब को बुलाया। जैसे ही वकील साहब आए, युवकों ने फाइल आगे बढ़ाई और अचानक तमंचा निकालकर गोली मार दी।
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पुलिस की कार्रवाई
गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़ पड़े और अधिवक्ता को गंभीर हालत में उपचार के लिए लखनऊ भेजा गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बताया कि हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है और हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं।
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अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन
सिनेमा चौराहा के पास घर में घुसकर अधिवक्ता की हत्या की खबर के बाद मंगलवार की रात काफी संख्या में अधिवक्ता उनके आवास के सामने एकत्रित हो गए। कुछ अधिवक्ताओं ने घटना का विरोध जताते हुए जाम लगा दिया। हालांकि, वरिष्ठ अधिवक्ताओं और पुलिस के समझाने पर वह माने और करीब 15 मिनट में ही जाम खोल दिया गया।
इस घटना ने समाज में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता की उनके घर में घुसकर हत्या करना यह दर्शाता है कि अपराधी बेखौफ हो चुके हैं। पुलिस प्रशासन को ऐसे मामलों में तुरंत और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि अपराधियों में कानून का भय बना रहे। अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की हत्या न केवल एक परिवार की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक बड़ा झटका है। कानून और न्याय के रक्षक खुद सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित हो सकती है?
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