Hamas New Chief Khalil Hayya: इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष (Israel Hamas War) के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। इजरायली सेना ने हमास के चीफ याह्या सिनवार (Hamas chief Yahya Sinwar) को मार गिराया है। गुरुवार यानी 17 अक्टूबर को इजरायल ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। हमास ने भी इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा है कि उनके नेता की मौत संगठन को और भी मजबूत बनाएगी। सिनवार की मौत के बाद हमास ने नए प्रमुख का चयन किया है। खलील अल हय्या को संगठन का नया नेता चुना गया है।
Read more: UPPSC PCS परीक्षा स्थगित, प्रियंका गांधी का भाजपा पर हमला,कहा-‘युवाओं के भविष्य से हो रहा खिलवाड़’
खलील अल हय्या बने हमास के नए मुखिया
याह्या सिनवार की मौत के बाद, हमास के शीर्ष नेतृत्व ने तेजी से निर्णय लेते हुए खलील अल हय्या को नया प्रमुख नियुक्त किया है। हय्या, जो इस समय कतर में रह रहे हैं, 2007 में इजरायली हवाई हमले में अपने पूरे परिवार को खो चुके हैं। वह हमास के पुराने और भरोसेमंद नेता माने जाते हैं और हमास की बातचीत टीम का नेतृत्व भी कर चुके हैं। हय्या के ईरान के साथ भी मजबूत संबंध हैं, जो संगठन के लिए अहम माने जाते हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, खलील अल हय्या पर हमास के पूर्व प्रमुख इस्माइल हनियेह और याह्या सिनवार दोनों का पूरा भरोसा था। वह कूटनीतिक स्तर पर बातचीत में माहिर माने जाते हैं और हमास के भविष्य के फैसलों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
सिनवार की मौत से संगठन को ताकत मिलने का दावा
खलील अल हय्या ने अपने एक बयान में याह्या सिनवार की मौत की पुष्टि की और कहा कि इस घटना से संगठन और मजबूत बनेगा। हय्या ने अपने टीवी बयान में दोहराया कि इजरायली कैदियों को तब तक नहीं छोड़ा जाएगा, जब तक गाजा पर इजरायली हमले बंद नहीं होते और इजरायली सेनाएं गाजा से बाहर नहीं चली जातीं।
कौन थे याह्या सिनवार?
याह्या सिनवार का जन्म 1962 में गाजा के शरणार्थी कैंप खान यूनिस में हुआ था। उनके माता-पिता अश्केलॉन के निवासी थे, लेकिन 1948 में जब इजरायल का गठन हुआ और हजारों फिलिस्तीनियों को उनके घरों से बेदखल किया गया, तो याह्या के माता-पिता भी शरणार्थी बन गए। याह्या ने अपनी शुरुआती पढ़ाई खान यूनिस में पूरी की और बाद में गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी से अरबी भाषा में बैचलर की डिग्री प्राप्त की।
सिनवार हमास से जुड़ने के बाद बेहद सक्रिय हो गए और 1980 के दशक में इजरायल द्वारा गिरफ्तार किए गए। उनकी क्रूरता के चलते उन्हें ‘खान यूनिस का कसाई’ कहा जाने लगा। उन्होंने अपनी जिंदगी के 22 साल इजरायली जेलों में बिताए। 1980 में, जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तब उन पर 12 लोगों की हत्या का आरोप लगा था। उनकी क्रूरता और रणनीतिक कौशल ने उन्हें हमास के भीतर एक महत्वपूर्ण नेता बना दिया था।
Read more: Delhi: दिल्ली कोर्ट का अहम फैसला! AAP नेता Satyendar Jain को मनी लॉन्ड्रिंग केस में मिली जमानत
सिनवार के उत्तराधिकारी के रूप में कई नाम थे चर्चा में
याह्या सिनवार की मौत के बाद हमास के नए प्रमुख को लेकर कई नामों पर चर्चा चल रही थी। इनमें खालिद मेशाल का नाम भी शामिल था, जो पहले हमास के प्रमुख रह चुके हैं। हालांकि, संगठन ने खलील अल हय्या को अपना नया नेता चुना। खलील अल हय्या ने अपने पिछले बयान में इजरायल के साथ लंबे समय तक युद्ध विराम की इच्छा जाहिर की थी, बशर्ते एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना हो। एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, अल हय्या ने कहा था कि अगर एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य का गठन होता है, तो हमास अपने हथियार डालने को तैयार है और एक राजनीतिक दल में तब्दील हो जाएगा।
हमास की टॉप लीडरशिप को लगातार नुकसान
हमास की शीर्ष नेतृत्व टीम को मौजूदा संघर्ष में गंभीर नुकसान उठाना पड़ा है। कई प्रमुख नेता इजरायली हमलों में मारे जा चुके हैं, जिनमें याह्या सिनवार भी शामिल हो गए हैं। यह इजरायली सैन्य अभियान का एक बड़ा हिस्सा है, जिसके तहत हमास के बड़े नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि, हमास ने इस चुनौती का सामना करते हुए अपने संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत करने का दावा किया है।
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में खलील अल हय्या की भूमिका
नए प्रमुख के रूप में खलील अल हय्या के चयन से हमास की भविष्य की रणनीति पर भी असर पड़ सकता है। हय्या की कूटनीतिक कुशलता और ईरान के साथ संबंधों को देखते हुए, आने वाले समय में हमास की अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका अहम हो सकती है। उनके नेतृत्व में हमास की नीति और भी आक्रामक हो सकती है, खासकर इजरायल के खिलाफ संघर्ष में। याह्या सिनवार की मौत के बाद हमास के नए नेता के सामने चुनौतियों का अंबार खड़ा है, लेकिन खलील अल हय्या के चयन से यह साफ हो गया है कि हमास आने वाले समय में इजरायल के साथ टकराव में पीछे हटने को तैयार नहीं है।