बिहार (मोतिहारी): संवाददाता- प्रमोद कुमार
मोतिहारी। बिहार के पूर्वी चम्पारण जिला में मोतिहारी सदर, अस्पताल का पीकू वार्ड संक्रमित हो गया है। नतीजतन उक्त वार्ड में आने जाने वाले एक चिकित्सक सहित आधा दर्जन स्वास्थ्य कर्मी मिजिल्स (चेचक) के शिकार हो गए हैं। एकाएक इतनी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी के चेचक की प्रकोप में आ जाने से पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया है। फिलहाल पीकू वार्ड में मरीजो को देखने के लिए स्वास्थ्य कर्मी भी जाने से घबराने लगे हैं। जाहिर है सदर अस्पताल की व्यवस्था का यह वार्ड पूरी तरह से पोल खोल रहा है। बताते हैं कि दो दिन पूर्व मिजिल्स के शिकार एक बच्चे को इलाज के बाद रिलीज कर दिया गया। डॉक्टरों के मुताबिक चेचक का शिकार बच्चा तो ठीक हो गया, लेकिन पूरा हॉल संक्रमण का शिकार बन गया।
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से फैसा संक्रमणः
इस मामले में अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह से लापरवाह बना रहा। अस्पताल मे भर्ती हो रहे मिजिल्स संक्रमण के मरीजों के वार्डों मे साफ- सफाई को लेकर कोई ठीक से इंतजाम न होने के चलते बीमारियां फैल गई। बीमारी फैलने से अस्पताल मे हडकंप मच गई। मिजिल्स संक्रमण के चलते दूसरे भर्ती मरीजों को डॉक्टर देखने मे हिचकिचा रहे है। मरीज के तीमारदार बताते है कि अस्पताल के एक पीकू वार्ड में मिजिल्स संक्रमण के मरीज भर्ती कराए गये थे। जिनका इलाज वहां के चिकित्सक कर रहे थे।
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इलाज के दौरान चिकित्सक को हुआ संक्रमणः
अस्पताल में मिजिल्स संक्रमण का इलाज कर रही डॉक्टरों की टीम भी संकमण की चपेट मे आ गए। जिसमें एक चिकित्सक सहित आधा दर्जन स्वास्थ्य कर्मी मिजिल्स संक्रमण के शिकार हो गये है। फिलहाल इलाज कर रहे स्टॉफ के सभी मिजिल्स के शिकार है। आश्चर्य इस बात की है जिस सदर अस्पताल में पीकू वार्ड बनाया गया है। उसमें ज्यादातर संक्रमित बच्चों को भर्ती किया जाता है।
लेकिन वार्ड उनके लिए भी सुरक्षित नहीं माना जाएगा। इस घटना के बाद अब सिविल सर्जन सहित चिकित्सक भी , वार्ड में संक्रमण फैलने की बात बता रहे हैं सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ पंकज कुमार का कहना है कि फिलहाल पीकू, वार्ड को सनराइज कराया गया है साफ सफाई पर ध्यान दी जा रही है। जबकि चेचक से संक्रमित रोग एवं चिकित्सकों का इलाज घर पर किया जा रहा है। हालांकि अब देखना दिलचस्प होगा कि पीकू वार्ड के सफाई का दावा कहां तक सत्य साबित होता है।