PM Modi Visits Guyana Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ब्राजील में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में आज गुयाना (Guyana) पहुंचे. गुयाना पहुंचने पर, राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली (Mohammed Irfan Ali) और 12 से अधिक कैबिनेट मंत्रियों ने उनका हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 50 वर्षों से अधिक समय बाद पहली गुयाना यात्रा है.
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राष्ट्रपति अली के साथ द्विपक्षीय वार्ता
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति अली के निमंत्रण पर गुयाना पहुंचे हैं और 21 नवंबर तक यहां रहेंगे. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य भारत और गुयाना (Guyana) के बीच मजबूत और अनूठे संबंधों को नई दिशा देना है. इस दौरान वे राष्ट्रपति अली के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और गुयाना की संसद को भी संबोधित करेंगे.
भारतीय मूल के समुदाय से जुड़ाव
गुयाना में लगभग 3,20,000 भारतीय मूल के लोग रहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यक्रम में भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में भाग लेने और कैरेबियाई देशों के नेताओं से मुलाकात करने का भी प्रावधान किया है. इस बैठक का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना और भारतीय मूल के लोगों के साथ ऐतिहासिक संबंधों को पुनर्जीवित करना है.
पीएम मोदी की तीन देशों की यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पर हैं. गुयाना (Guyana) से पहले वे नाइजीरिया गए, जहां उन्होंने राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू के साथ द्विपक्षीय बातचीत की और भारतीय समुदाय से संवाद किया. इसके बाद वे ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंचे, जहां उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डा सिल्वा से मुलाकात कर उनके प्रयासों की सराहना की.
गिरमिटिया मजदूरों की कहानी
19वीं सदी की शुरुआत में, बिहार और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गांवों से बड़ी संख्या में लोग बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश गए. इन मजदूरों को गिरमिटिया कहा गया. लगभग 15 लाख भारतीयों को मॉरीशस, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, और फिजी जैसे देशों में बंधुआ मजदूर के रूप में भेजा गया. 1838 में पहली बार भारतीय गिरमिटिया मजदूर गुयाना पहुंचे. ये मजदूर मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के थे. उन्होंने गन्ने की खेती और अन्य फसलों की पैदावार में योगदान देकर गुयाना की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया.
भारतीय समुदाय की विरासत
गुयाना (Guyana)में गिरमिटिया मजदूरों ने कठिन परिस्थितियों में काम किया. उन्हें अत्यधिक शारीरिक और मानसिक शोषण का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद, उन्होंने अपने श्रम और साहस से गुयाना की समृद्धि में योगदान दिया. 1917 तक, गुयाना में लगभग 2.4 लाख भारतीय गिरमिटिया मजदूर पहुंच चुके थे. आज गुयाना की 40% आबादी भारतीय मूल के लोगों की है. ये लोग गिरमिटिया मजदूरों के वंशज हैं, जिन्होंने गुयाना में अपनी जड़ें जमाईं और सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह गौरव की बात है कि गुयाना के वर्तमान राष्ट्रपति भी भारतीय मूल के हैं.
इंदिरा गांधी ने किया था गुयाना का दौरा
1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने गुयाना (Guyana) का दौरा किया था. यह यात्रा भारत और गुयाना (Guyana) के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती है. प्रधानमंत्री मोदी की वर्तमान यात्रा भी इन संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुयाना यात्रा न केवल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का अवसर है, बल्कि यह भारतीय मूल के समुदाय के साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी उजागर करती है. गिरमिटिया मजदूरों की कहानी और उनकी विरासत को पहचानना और सम्मान देना भारत और गुयाना के रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है.