छत्तीसगढ़ संवाददाता- Avinash Singh
छत्तीसगढ़: अकलतरा-गुरु पूर्णिमा हिंदुओं के प्रमुख पर्वों में से एक है। इस दिन लोग अपने-अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उपहार भी देते हैं और गुरु अपने शिष्यों को आशीर्वाद देते हैं। ये परंपरा सदियों पुरानी है। ये पर्व मुख्य रूप से महर्षि वेदव्यास की स्मृति में मनाया जाता है। समय के साथ इसमें कुछ परिवर्तन जरूर आया है, लेकिन इसका महत्व आज भी जस का तस बना हुआ है। इस दिन लोग भगवान को भी गुरु मानकर उनकी पूजा करते हैं।
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गुरु शिष्य के जीवन में सबसे ज्यादा महत्व रखने वाली गुरु पूर्णिमा का उत्सव 3 जुलाई, दिन सोमवार को मनाया जाएगा। इस अंचल का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक व आध्यात्मिक केंद्र अघोर पीठ जन सेवा अभेद आश्रम पोंडी दल्हा ग्राम में आयोजित होने वाले गुरुपूर्णिमा उत्सव मनाने सोमवार को हजारों भक्त जुटेंगे। गुरुपूर्णिमा के अवसर पर जहां गुरु अपने शिष्यों को आशीष वचनों व आशीर्वाद से कृतार्थ करेंगे, वहीं शिष्य अपनी कृतज्ञता प्रकट करेंगे। इस दिन को खास बनाने के लिए आश्रम पर तैयारी जोर-शोर से चल रही है।
गुरु पूजन,भंडारे एवं निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
इस अवसर पर अघोर आश्रम में गुरु पूजन, भंडारे एवं स्वास्थ्य शिविर का आयोजन भी होगा। आश्रम के व्यवस्थापक गोपाल राम ने बताया कि गुरुदेव को मानने वाले और अघोर आश्रम के अनेक प्रकल्पों में योगदान देने वाले देश भर से हजारों भक्त सोमवार को यहां जुटेंगे। अघोर आश्रम के संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव कापालिक धर्म रक्षित राम बाबा जी का उनके शिष्यों द्वारा पूजन किया जाएगा।
इस अवसर पर भजन, कीर्तन, निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, भंडारा एवं रात्रि के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। समिति के सदस्यों ने बताया कि क्षेत्र के साथ-साथ महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, ओड़िसा के साथ अन्य प्रदेशों से गुरु भक्त गुरुपूर्णिमा मनाने यहां आएंगे।