D Gukesh: भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश (Gukesh) ने 12 दिसंबर 2024 को सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप (World Chess Championship) जीतकर शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया। इस शानदार जीत के साथ उन्होंने चीन के महान शतरंज खिलाड़ी डिंग लिरेन (Ding Liren) को हराकर शतरंज की दुनिया में सबसे कम उम्र में विश्व चैंपियन बनने का रिकॉर्ड स्थापित किया। गुकेश की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि भारत के लिए भी गर्व का क्षण है।
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इनामी राशि पर टैक्स और सरकार से मिली राहत
बताते चले कि, गुकेश (Gukesh) को उनकी इस शानदार जीत के लिए पुरस्कार स्वरूप 11.45 करोड़ रुपये मिले। इसके अतिरिक्त, तमिलनाडु सरकार ने उन्हें 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त इनाम दिया, जिससे उनकी कुल इनामी राशि 16.45 करोड़ रुपये हो गई। भारतीय टैक्स नियमों के अनुसार, इस राशि पर उन्हें 42.5 प्रतिशत टैक्स चुकाना पड़ता, जिससे गुकेश को लगभग 6.23 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में देना था। इस हिसाब से गुकेश के पास केवल 10.22 करोड़ रुपये ही बचते।
हालांकि, मोदी सरकार ने उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि को सराहा और वित्त मंत्रालय ने गुकेश के इनाम पर टैक्स छूट देने की घोषणा की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह फैसला जल्द ही आधिकारिक रूप से जारी किया जाएगा, जिससे गुकेश को उनकी पूरी इनामी राशि मिलेगी। यह फैसला उनकी जीत को और भी खास बना देता है, क्योंकि उन्होंने शतरंज की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है।
इनाम की राशि पर टैक्स की गणना
गुकेश (Gukesh) को 13 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि मिली थी, जो भारतीय रुपये में 11.45 करोड़ रुपये के बराबर है। भारतीय टैक्स नियमों के अनुसार, इस राशि पर 30 प्रतिशत टैक्स, 15 प्रतिशत सरचार्ज और 4 प्रतिशत सेस लगता है। कुल मिलाकर, गुकेश को 4.09 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में चुकाने पड़ते, जिससे उनके पास 7.36 करोड़ रुपये बचते। इसके अलावा, तमिलनाडु सरकार द्वारा दिए गए 5 करोड़ रुपये पर भी टैक्स लगता था, जिससे गुकेश को 2.86 करोड़ रुपये का टैक्स देना पड़ता।
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प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद गुकेश की जीत
गुकेश (Gukesh) की इस ऐतिहासिक जीत के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य प्रमुख शख्सियतों ने उन्हें बधाई दी। इस जीत के साथ ही गुकेश भारत के दूसरे शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता है। उनसे पहले यह उपलब्धि महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के नाम थी। गुकेश की यह जीत भारतीय शतरंज के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
कोच को गले लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया
गुकेश (Gukesh) ने अपनी जीत के बाद अपने पिता और कोच को गले लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया। उन्होंने यह साबित कर दिया कि भारतीय शतरंज खिलाड़ी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी धाक जमा रहे हैं। इस जीत से शतरंज के प्रति भारत में उत्साह और प्रेरणा का माहौल बना है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में और भी युवा शतरंज खिलाड़ी इसी तरह की सफलताएं हासिल करेंगे।
पूरे देश को एक नई उम्मीद और प्रेरणा दी
डी गुकेश (Gukesh) की विश्व चैंपियनशिप जीत ने न केवल उनके परिवार और कोच को गर्वित किया, बल्कि पूरे देश को एक नई उम्मीद और प्रेरणा दी है। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय युवा किसी भी खेल में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं। गुकेश की इस शानदार जीत के बाद उनकी पूरी इनामी राशि पर टैक्स छूट मिलने से उनकी खुशी दोगुनी हो गई है। अब, गुकेश की यह सफलता भारतीय शतरंज के इतिहास में एक मील का पत्थर बन चुकी है।
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