Gujarat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में चौथे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो (री-इनवेस्ट) का उद्घाटन किया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी भी उपस्थित रहे। इस सम्मेलन का उद्देश्य अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक निवेश को प्रोत्साहित करना है और इसमें कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ और निवेशक भाग ले रहे हैं।
विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल
गांधीनगर पहुंचे इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर मोहन यादव ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास किया है। गुजरात मॉडल के तहत कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जल विद्युत ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।”
अरविंद केजरीवाल के बयान पर दी प्रतिक्रिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हाल ही में दिए गए बयान कि वह दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देंगे, पर मोहन यादव ने टिप्पणी की। उन्होंने इसे ‘ड्रामा’ करार देते हुए कहा कि केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों से अवगत हैं। यादव ने यह भी कहा कि केजरीवाल जनता के बीच जाना चाहते हैं लेकिन उनकी स्थिति कमजोर है और जनता सब जानती है।
प्रधानमंत्री की ‘पीएम सूर्य घर’ योजना की चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर के वावोल स्थित शालीन-2 सोसायटी में ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ के लाभार्थियों से मुलाकात की। इस योजना के तहत, प्रधानमंत्री ने 29 फरवरी को शुरू की गई 75,021 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। यह योजना घरों की छतों पर सौर पैनल लगाने और आवासीय परिवारों को स्व-निर्मित बिजली के लिए सक्षम बनाने पर केंद्रित है।
सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत दो किलोवाट क्षमता तक की सौर पैनल प्रणालियों के लिए लागत का 60 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाएगा, जबकि दो से तीन किलोवाट क्षमता वाली प्रणालियों के लिए अतिरिक्त लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा की ओर कदम बढ़ाना और घरेलू ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।
चौथे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और प्रदर्शनी (री-इन्वेस्ट 2024) में लगभग 40 सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मुख्यमंत्रियों की विस्तृत बैठक, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का गोलमेज सम्मेलन और तकनीकी सत्र शामिल होंगे। इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य अक्षय ऊर्जा में वैश्विक निवेश को आकर्षित करना और नवीकरणीय ऊर्जा तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना है। यह कार्यक्रम भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।