CSIR NET Paper Leak: योगी सरकार की पेपर लीक रोकने की तमाम कोशिशों के बावजूद, मेरठ (Meerut) की सुभारती यूनिवर्सिटी (Subharti University) में CSIR नेट परीक्षा के दौरान नकल कराने का बड़ा मामला सामने आया है। यूपी एसटीएफ की अचानक छापेमारी में यह खेल पकड़ा गया। सर्च ऑपरेशन के दौरान सर्वर रूम में कर्मचारी के पास से मोबाइल फोन मिला, जिसमें चार परीक्षार्थियों के सिस्टम आईडी नंबर और रोल नंबर मिले।
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छापेमारी में हुआ खुलासा
मेरठ एसटीएफ की टीम ने सुभारती यूनिवर्सिटी (Subharti University) में छापा मारा और एग्जामिनेशन सेंटर की लैब में सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने बताया कि सूचना के आधार पर सुभारती यूनिवर्सिटी में छापेमारी की गई। सर्च ऑपरेशन के दौरान एग्जामिनेशन लैब के सर्वर रूम से एक लोकल एरिया नेटवर्क के जरिए एक्स्ट्रा एडमिन कंप्यूटर मिला और दो लैपटॉप बरामद किए गए। इन लैपटॉप में एनी डेस्क रिमोट एक्सेस टूल पाया गया, जिससे पेपर को बाहर से हल किया जा रहा था।
नकल कराने का हाईटेक तरीका
सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस को यह पता चला कि कुछ छात्रों के पेपर को स्क्रीन शेयर करके बाहर से सॉल्व किया जा रहा था। एसटीएफ की टीम ने एक शख्स को गिरफ्तार किया और चार अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया। जांच में पता चला कि सर्वर रूम में कर्मचारी के पास से मिले मोबाइल में चार परीक्षार्थियों के सिस्टम आईडी नंबर और रोल नंबर थे, जिन्हें सेंटर के बाहर एक व्यक्ति को शेयर किया गया था। इस व्यक्ति ने सॉल्वर के जरिए इन परीक्षार्थियों के पेपर हल करवाए।
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राजस्थान में भी मिली संदिग्ध गतिविधियाँ
25 जुलाई को पहले दिन राजस्थान के पाली में हुए एग्जाम में भी 11 अभ्यर्थियों के नाम मोबाइल के डिलीट फाइल से मिले हैं। इस मामले में जांच अभी जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही और भी खुलासे होंगे।
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सरकार के दावों पर सवाल
यह घटना योगी सरकार के पेपर लीक रोकने के दावों पर सवाल खड़े करती है। सरकार ने कई बार कहा है कि वे परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए कड़े कदम उठा रही है, लेकिन सुभारती यूनिवर्सिटी की यह घटना इन दावों को खोखला साबित करती है।
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शिक्षा व्यवस्था पर कड़ा प्रहार
शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह की घटनाएँ बेहद चिंताजनक हैं। इससे न केवल छात्रों का भविष्य प्रभावित होता है, बल्कि शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े होते हैं। योगी सरकार को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
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सख्त कदम उठाने की जरूरत
मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी में पेपर लीक का यह मामला शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है। सरकार को न केवल दोषियों को सजा देनी चाहिए, बल्कि परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। इससे छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सकेगा और शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता बनी रहेगी।
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