Gold Price: शादियों के सीजन की शुरुआत हो चुकी है जिसके कारण भारत के सोने-चांदी (gold and silver) के बाजारों में भारी रौनक देखने को मिल रही है. हाल के दिनों में सोने की कीमतों में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिससे ग्राहकों ने बड़े पैमाने पर खरीदारी की. लेकिन अब सोने (Gold) की कीमतों में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है, जिससे ज्वैलरी खरीदने वालों के लिए यह बुरी खबर हो सकती है.
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गोल्डमैन सैक्स का अनुमान: कीमतों में बड़ी तेजी
आपको बता दे कि, गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अगले साल सोने (Gold) की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर तक वृद्धि हो सकती है. केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीदारी और अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती इस बढ़ोतरी के प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं. गोल्डमैन सैक्स ने 2025 तक सोने को सबसे महत्वपूर्ण कमोडिटी ट्रेड्स में शामिल किया है. गोल्डमैन सैक्स ने दिसंबर 2025 तक एक औंस सोने की कीमत 3,000 डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया है. रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बैंकों की सोने में बढ़ती दिलचस्पी इस अनुमान का मुख्य आधार है. हालांकि, इस साल भी सोने की कीमतों में गिरावट बहुत कम रही और अधिकांश समय इसकी कीमतें बढ़ती ही नजर आईं.
अमेरिकी वित्तीय स्थिति और ट्रंप प्रशासन का प्रभाव
दऱअसल, गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) का मानना है कि अमेरिकी ट्रंप प्रशासन भी सोने की कीमतों में वृद्धि को समर्थन दे सकता है. इसके अलावा, ट्रेड टेंशन बढ़ने और अमेरिकी वित्तीय स्थिति को लेकर चिंताओं के चलते भी सोने (Gold) की कीमतें ऊपर जा सकती हैं. फिलहाल, स्पॉट गोल्ड की कीमत 2,589 डॉलर प्रति औंस है, जो पिछले महीने के 2,790 डॉलर से कम है.
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नोएडा में सोने की कीमतों में तेजी
नोएडा में सोने (Gold) की कीमतों में हाल के दिनों में इजाफा देखा गया है. 19 नवंबर को जहां एक ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 7,095 रुपये थी, वह 20 नवंबर को बढ़कर 7,165 रुपये हो गई है. वहीं, 24 कैरेट सोने की कीमत में भी वृद्धि हुई है. 19 नवंबर को एक ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 7,450 रुपये थी, जो 20 नवंबर को 7,523 रुपये हो गई.
केंद्रीय बैंकों की सोने में रुचि
गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) की रिपोर्ट बताती है कि केंद्रीय बैंकों की सोने (Gold) में बढ़ी हुई रुचि कीमतों में इजाफे का एक बड़ा कारण बन सकती है. ब्याज दरों में संभावित कटौती और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण केंद्रीय बैंक अपनी संपत्ति को सोने में निवेश कर रहे हैं. भारत में सोने की बढ़ती कीमतें उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन सकती हैं। खासकर शादियों के सीजन में, जब सोने की मांग चरम पर होती है, कीमतों में इजाफा लोगों के बजट पर असर डाल सकता है. बीते कुछ दिनों की गिरावट के बावजूद, सालभर में सोने की कीमतों में ज्यादातर समय वृद्धि ही दर्ज की गई है.
आने वाले दिनों में संभावनाएं
गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) का यह अनुमान सोने (Gold) की कीमतों को लेकर नई चुनौतियां और संभावनाएं पेश करता है. उपभोक्ताओं और निवेशकों को इस समय सतर्क रहना चाहिए और बाजार के रुझानों पर नजर रखनी चाहिए. अगर सोने की कीमतें वाकई 2025 तक 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचती हैं, तो यह निवेशकों के लिए फायदे का सौदा हो सकता है, लेकिन आम उपभोक्ता के लिए यह मुश्किलें बढ़ा सकता है.
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