Diwali : दीपावली आने में अब बस कुछ ही दीन बचे है। वहीं इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस अर्थात कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि होती है और अमावस्या तक यह त्योहार मनाया जाता है। बता दें कि दीपावली का त्यौहार जब भी आता है तो अपने साथ बहुत सारी खुशियां लेकर आता है जिसे हम खुशी- खुशी मनाते है।
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वहीं घरो में ढेर सारे दियों जलाकर और मोमबत्तियों का आगमन करके दीपावली का स्वागत हम घर में मां लक्ष्मी की पूजा करते है, और घर के अंदर बाहर दिये जलाकर करते है । क्या आप जानते है की दीपावली में दियो का क्या महत्व है।
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अमावस्या की अंधेरी रात..
बता दें कि दीपावली के दिन दिये जलना बहुत ही शुभ मना जाता है और ऐसा कहा जाता है की दियो को जलाने के साथ घर की सारी बुरी बलाएं भी दूर हो जाती है क्योंकि दीपावली की रात आमवस्या की रात होती है। ऐसे में रोशनी का पर्व दीपावली के मौके पर मिट्टी के दीये की रोशनी से ही घर रोशन होता है, अमावस्या की अंधेरी रात में दीये की जगमगाती रोशनी से चारों तरफ उजाला ही उजाला दिखता है, इसके साथ लोगों में ऐक अलग ही खुशी देखने को मिलती है।
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घर में सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है..
वहीं हिंदू मान्यता में दीपावली बहुत ही धुम धाम से मनाया जाता है। क्योकिं इस पर्व को एक आलग महत्तव माना गया है। बता दें कि के हिंदू मान्यता के अनुसार दिवाली के दिन दीपदान करने पर व्यक्ति को धन की देवी मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता हैष इसके साथ मान्यता है कि दिवाली के दिन जो व्यक्ति अपने घर के मेन डोर के पास स्वास्तिक बनाकर शुद्ध घी का दीया जलाता है,
उसके घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। यदि आपके पास शुद्ध घी न हो तो आप सरसों के तेल का दीया जलाकर इस पुण्यफल को प्राप्त कर सकते हैं, इसके साथ दीपक जलाने से घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है।
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दीपदान करने के फायदे..
दीपावली के दिन दीपदान करने पर जो पुण्यफल प्राप्त होता है, उससे व्यक्ति को सुख-सौभाग्य के साथ धन-धान्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है। बता दें कि हिन्दु मान्यता है की दीपदान के पुण्यफल से आकाल मृत्यु का भय और नवग्रहों का दोष दूर होता है, और वह दीपदान करने पर देवी-देवताओं के साथ पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। दीपदान करने से जीवन की नकारात्मक ऊर्जा दूर और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
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दीपक जलाने के क्या है फायदे..
दीप जिसमें जल, वायु, आकाश, अग्नि व भूमि शामिल है। वता दें कि मिट्टी का दीपक इन पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं मिट्टी का दीपक वर्तमान का प्रतीक माना गया है।
जबकि, उसमें जलने वाली लौ भूतकाल का प्रतीक होती है। जब हम रुई की बत्ती डालकर दीप प्रज्जवलित करते हैं तो वह आकाश, स्वर्ग और भविष्यकाल का प्रतिनिधित्व करती है। दीपक की रोशनी शांति का प्रतीक भी मानी जाती है। इसलिए दीपक जलाने से घर में शांति बनी रहती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार..
मिट्टी को मंगल ग्रह का प्रतीक माना गया है। वहीं, मंगल को साहस, पराक्रम का प्रतीक माना जाता है और तेल को शनि का प्रतीक माना जाता है और शनि को न्याय व भाग्य का देवता कहा जाता है, इसलिए दीपक जलाने से मंगल व शनि ग्रह की अनुकूल दृष्टि बनी रहती है।