Ghaziabad News: हम सभी अपने-अपने घर में काम करने के लिए नौकर रखते है मगर कभी किसी ये ने सोचा है की एक घर में काम कर वाली महिला ऐसा कर सकती है जो खुद का घर सम्भलती है वो ऐसा काम करेगी जी है एक ऐसा ही शर्मनाक मामला सामने आया है। जहां उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद जिले में घर में काम करती महिला की शर्मनाक हरकत जिससे देखकर सब हैरान हो गए। क्रॉसिंग रिपब्लिक क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने अपनी नौकरानी पर आरोप लगाया है कि वो आटा गूंथने के लिए पानी की जगह मूत्र का इस्तेमाल करती थी। महिला ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज़ करायी तो कार्रवाई करते हुए क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने ने आरोपी घरेलू सहायिका को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों से पता चला उस महिला का नाम रीना है और आठ साल से यह काम करती आ रही है।
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आठ साल से कर रही थी ये शर्मनाक हरक़त काम
पीड़ित परिवार एक रियल एस्टेट कारोबारी और उनका परिवार है जो उस सोसाइटी में रहते हैं। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है जिसमें आरोप लगाया गया है कि रीना इतने लंबे समय से ऐसा कर रही थी।पुलिस को दी शिकायत में महिला ने बताया कि घरेलू सहायिका रीना आठ साल से उनके यहां खाना बना रही है। 14 अक्तूबर को उन्होंने कैमरे की रिकॉर्डिंग में देखा कि रीना रसोई के बर्तन में मूत्र कर रही है। इसके बाद उसने उसी से रोटियां बनाईं।
परिवार के सभी लोग को लीवर में आयी दिक्क्त
पीड़ित परिवार का कहना ये है कि कई महीनों से उनका परिवार लीवर की बीमारी से झूझ रहा है। उन्होंने बताया की शुरुआत में उन्होंने इसे एक आम संक्रमण लगा और डॉक्टर से सलाह ली, लेकिन उनकी तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने अपने घर और रसोई में सीसीटीवी कैमरे लगवाए। कैमरों की फुटेज में घरेलू सहायिका रीना रसोई में एक बर्तन में पेशाब करके खाना बनाती हुई दिखाई दे रही है। इसके बाद पीड़ित परिवार ने उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया।
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आरोपी नौकरानी रीना गिरफ्तार
डीसीपी सुरेंद्र नाथ तिवारी ने कहा, “शिकायत के आधार पर क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में केस दर्ज किया गया है। आरोपी काम वाली महिला रीना को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में जांच और आगे की कार्रवाई की जा रही है।” यह घटना एक बार फिर घरेलू सहायकों की भर्ती करते समय सावधानी और पृष्ठभूमि की जाँच के महत्व को उजागर करती है। यह घटना लोगों के मन में घृणा और अविश्वास पैदा करती है और समाज में एक खतरनाक प्रवृत्ति को दर्शाती है।
रीना ने बताया……
रीना से पूछताछ में बताया कि वो ऐसा कुछ नहीं करना चाहती थी मगर उसके मालिक उसके काम पर नजर रखते थे और छोटी-छोटी गलती निकलते थे और सबके सामने खरी-खोटी सुनाते थे, जिसका उसे बुरा लगता था। ऐसी हरकत करते समय उससे बुरा बभी लगता था मगर इस बात से नाराज होकर उसने ऐसा करना शुरू कर दिया।
खाने में गन्दगी मिलने पर कड़ी कार्रवाई का आदेश
सीएम योगी15 अक्टूबर को बैठक में आदेश दिया था कि असामाजिक तत्व पहचान छिपाकर यह हरकत करते हैं। ऐसी गतिविधियों पर कड़ाई से लगाम लगनी चाहिए। हर उपभोक्ता को अधिकार है कि वह सेवाप्रदाता के बारे में आवश्यक जानकारी पा सके। इसके लिए विक्रेता द्वारा प्रतिष्ठान पर साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य हो। प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी कर्मियों का पहचान पत्र धारण करना भी अनिवार्य हो। छद्म नाम रखने, गलत जानकारी देने वालों के लिए भी सजा के कड़े प्रावधान होने चाहिए।
आगे ये भी कहा कि प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान सुनिश्चित करें कि कोई भी भोजन दूषित न हो। रसोईघर एवं भोजन कक्ष में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप से लगा हो। इसकी न्यूनतम एक माह की फुटेज जिला प्रशासन के मांगने पर उपलब्ध कराई जा सके। भोजन पकाते और परोसते समय सिर ढकना, मास्क और दस्ताने पहनना जरूरी है। कारोबारी को अपने कर्मचारियों का विवरण पुलिस को देना होगा। यदि किसी कर्मी के घुसपैठिया अथवा अवैध नागरिक होने की पुष्टि होती है तो कड़ी कार्रवाई हो। कानून में इन सबका स्पष्ट प्रावधान करें।
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खाद्य वस्तुओं में मानव अपशिष्ट और गंदी चीजों की मिलावट की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार कठोर कानून लाने जा रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रस्तावित कानून के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। सीएम ने ऐसे मामलों को संज्ञेय अपराध के दायरे में लाने के साथ सजा और जुर्माने का अध्ययन कर अध्यादेश तैयार करने का निर्देश दिया। प्रस्तावित कानून में 10 साल तक की सजा का प्रावधान हो सकता है।
सीएम ने विधि आयोग, गृह, न्याय व खाद्य एवं रसद समेत संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि बीते दिनों जूस, दाल और रोटी में मानव अपशिष्ट और गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं सामने आई हैं। इस पर स्थायी रोक के लिए कड़ा कानून जरूरी है ताकि लोगों का भरोसा कायम रहे। ऐसी घटनाएं वीभत्स होने के साथ आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालती हैं। इससे सामाजिक सौहार्द भी प्रभावित होता है। ऐसे कुत्सित प्रयास स्वीकार्य नहीं किए जा सकते। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, स्ट्रीट वेंडर से जुड़ी इन गतिविधियों के संबंध में स्पष्ट कानून तैयार करें जिससे उल्लंघन करने वालों को कारावास और अर्थदंड की सजा हो सके। ऐसे अपराध संज्ञेय और गैरजमानती बनाए जाएं।