Muslim Women: अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पुलिस द्वारा 2 मुस्लिम महिलाओं का हिजाब उतरवाने पर काफी बवाल मचा था जिसके बाद पुलिस की मदद से जबरन हिजाब उतरवाने के मामले में पीड़ितो ने सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया.अब इसको निपटाने के लिए सरकार 145 करोड़ रुपये का भुगतान करने पर सहमत भी हो गई है.दरअसल,2017 में न्यूयॉर्क शहर में 2 मुस्लिम महिलाओं जमीला क्लार्क और अरवा अजीज को साल 2017 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था.जिसके बाद पुलिस ने दोनों महिलाओं को सिर खोलकर बिना नकाब के फोटो खिंचवाने के लिए मजबूर किया था.हालांकि, 2018 में दोनो ने क्लास-एक्शन मुकदमा दर्ज कराया था और अब आखिरकार कोर्ट ने 6 साल बाद शनिवार को दोनों पीड़िता के हक में फैसला सुनाया है।
सामने आया पीड़िता का बयान
क्लार्क ने एक बयान में कहा, ‘जब उन्होंने हिजाब उतारने के लिए मुझे मजबूर किया तो ऐसा लगा जैसे मैं निर्वस्त्र हो गई हूं.उस समय मुझे जिस तरह की शर्मिंदगी हुई और अपमान सहना पड़ा उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं लेकिन आज मुझे इस बात पर बहुत गर्व हो रहा है कि,मैंने हजारों न्यूयॉर्क वासियों को न्याय दिलाने में भूमिका निभाई है।
2017 में किया गया था गिरफ्तार
आपको बता दें कि,न्यूयार्क पुलिस ने क्लार्क को 9 जनवरी 2017 को जबकि अजीज को 30 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया गया था.पुलिस ने अरवा अजीज को एक फर्जी सुरक्षात्मक आदेश के उल्लंघन के आरोप में और क्लार्क को उनके पूर्व पति द्वारा दायर कथित फर्जी सुरक्षात्मक आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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30 से ज्यादा पुरुष कैदी थे मौजूद
जबरन हिजाब उतारने के मामले में अरवा अजीज ने बताया कि,उस वक्त मैं टूटा हुआ महसूस कर रही थी क्योंकि जिस वक्त मेरी तस्वीर ली जा रही थी वहां एक दर्जन से ज्यादा पुरुष पुलिस अफसर और 30 से ज्यादा पुरुष कैदी उन्हें बिना पर्दे के देख रहे थे।
4,100 लोगों में बांटी जाएगी रकम
कानून विभाग के प्रवक्ता निक पाओलुसी ने बताय,मामले को निपटाने के लिए मिलने वाली रकम करीब 4,100 लोगों में बांटी जाएगी.वकील ओ. एंड्रयू एफ. विल्सन ने कहा,एक बार मुकदमा निपटाने को मंजूरी मिल जाने के बाद रकम को जस्टिस द्वारा तय समय सीमा के मुताबिक जवाब देने वाले सभी लोगों के बीच समान रूप से बांट दिया जाएगा.जिसमें हर एक पात्र मेंबर के लिए 7,824 अमेरिकी डॉलर के न्यूनतम भुगतान की गारंटी होगी।
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