Chhota Shakeel Brother-in-law death: जुर्म की दुनिया का जाना माना नाम और दाऊद के खास गैंगस्टर छोटा शकील के रिश्तेदार आरिफ शेख (Aarif Sheikh) उर्फ आरिफ भाईजान की मुंबई के जेजे अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत ही गयी। आरिफ लम्बे समय से आर्थर रोड जेल में बंद था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Don daud Ibrahim) से जुड़े टेरर फंडिंग (Terror funding) मामले में गिरफ्तार किया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने 2022 में आरिफ भाईजान को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उसकी आवासीय संपत्ति को भी कुर्क किया जा चुका है। आरिफ शेख मुंबई के पश्चिमी शहरों में आतंकवाद के वित्तपोषण में सम्मलित था।
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अचानक बिगड़ी तबीयत
आरिफ शेख को जेल में अचानक सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई।
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दाऊद का था मददगार
61 वर्षीय आरिफ शेख पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगी छोटा शकील की मदद करने का आरोप था। मई 2022 में एनआईए ने उसे गिरफ्तार किया था और उस पर दाऊद और शकील सहित अन्य गैंग सदस्यों की मदद करने का आरोप लगाया था। गिरफ्तारी के बाद से ही वह आर्थर रोड जेल में बंद था। आरिफ शेख के रिश्तेदार ने बताया कि उसकी दो बेटियां हैं और उसे कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी। उन्होंने कहा, “उसका स्वास्थ्य ठीक था और अधिकारी हमें कुछ नहीं बता रहे हैं।” आरिफ शेख और उसके भाई शब्बीर शेख को एनआईए ने आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
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दाऊद गिरोह पर NIA का शिकंजा
एनआईए (NIA) ने फरवरी 2022 में दाऊद इब्राहिम, उसके भाई अनीस और छोटा शकील सहित अन्य के खिलाफ हथियारों की तस्करी, नार्को-आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) और नकली नोटों के सर्कुलेशन के आरोप में मामला दर्ज किया था। उन पर लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba), जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) और अल कायदा (Al Qaeda) जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के साथ मिलकर काम करने का भी आरोप था।
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दाऊद का राइट हैंड था छोटा शकील
छोटा शकील का असली नाम मोहम्मद शकील बाबू मियां शेख था। 1980 के दशक में वह दाऊद के साथ मिला और माफिया के तौर पर उभरा। उसे दाऊद का सबसे विश्वासपात्र माना जाता है और वह डी-कंपनी में अघोषित सीईओ की तरह काम करता है। 1988 में राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट के तहत गिरफ्तार होने के बाद वह चार महीने जेल में रहा, फिर जमानत मिलने के बाद दुबई चला गया। 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट की साजिश के बाद वह पाकिस्तान भाग गया।
छोटा शकील को दाऊद का राइट हैंड कहा जाता है और मुंबई में दाऊद की गैंग के झगड़े वही सुलझाता है। दाऊद की अदालत में भी शकील की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जहां वह दाहिना हाथ बनकर मामले सुलझाता है। आरिफ भी शकील के साथ मिलकर दाऊद के लिए काम करता था।