Haridwa News: उत्तराखंड के हरिद्वार में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है हरिद्वार पुलिस ने अवैध कार्य में लिप्त 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके पास से 2 लाख से ज्यादा की कीमत के नकली नोट,प्रिंटर,लैपटॉप समेत कई मोबाइल फोन और नोट छापने से जुड़ा अन्य सामान बरामद किया है। आरोपियों ने हरिद्वार और देहरादून में नकली नोटों की अच्छी संख्या में खपत की है जहां वह दुकानों और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर इन नकली नोटों को चलाते थे।
हरिद्वार में नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़
हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद सिंह डोबाल ने इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि,रानीपुर कोतवाली पुलिस ने चेकिंग के दौरान निखिल,सौरभ,अनंतबीर और नीरज नाम के 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनके कब्जे से नकली नोट,प्रिंटर और लैपटॉप बरामद किया है। आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि,गिरोह का सरगना विशाल और मोहित हैं जिन्होंने यूट्यूब की मदद से नकली नोट बनाने की तरकीब सीखी इसके बाद गैंग बनाकर कम समय में रईस बनने की इच्छा में नकली नोट बनाने में लिप्त हो गए।
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गिरफ्त में आए सभी आरोप यूपी के रहने वाले
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं सहारनपुर का रहने वाला सौरभ अपने गांव के दो सगे भाइयों विशाल और नीरज को पहले से जानता था जो देहरादून में रह रहे थे। नीरज 5वीं पास और विशाल 8वीं फेल था लेकिन खुराफाती हरकतों में दोनों बेहद शातिर थे। दोनों भाइयों से दोस्ती करने के बाद सौरभ उनके साथ रहने देहरादून आ गया जहां वह दोनों की लाइफस्टाइल देखकर काफी प्रभावित हुआ।
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किराए का कमरा लेकर कर रहे थे नोटों की छपाई
नीरज और विशाल काफी समय से नकली नोटों के गोरखधंधे में शामिल थे जिसके कारण दोनों एक अच्छी लाइफस्टाइल जीते थे। इससे प्रभावित होकर सौरभ भी धंधे में शामिल हो गया दोनों चंद्रबानी देहरादून में किराये का कमरा लेकर जाली नोट बनाने का काम करते थे सौरभ भी करीब 15-20 दिनों से विशाल के साथ रहने लगा था। विशाल की मदद से उसकी दोस्ती मोहित से हुई मोहित देहरादून में ही किराए के कमरे में रहकर नकली नोट छापता था इसके लालच में आकर सौरभ भी इनके साथ जुड़ गया था।
पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी अनंतबीर 12वीं पास है जो साल 2001 में बंगाल इंजीनियर सेंटर (आर्मी) में भर्ती हुआ था लेकिन 2004 में सड़क हादसे में चोट के बाद उसने नौकरी छोड़ जी इसके बाद साल 2022 में जीआरपी थाना बिजनौर में हुई एक लूट के मामले में वह जेल चला गया जहां उसकी दोस्ती मोहित से हो गई और वह भी नकली नोट छापने के गोरखधंधे में शामिल हो गया।