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Patna: भारत में युवक-युवती के बीच होने वाली शादी के बंधन को आज भी सबसे पवित्र रिश्ता बताया जाता है.हिंदू धर्म में शादी के रिश्ते को सात जन्मों तक का बंधन माना जाता है यही कारण है कि,हिंदू रिति-रिवाजों के अनुसार होने वाली शादियों को आज भी भारत में सबसे अधिक मान्यता दी जाती है। लेकिन अगर शादी के रिश्ते में भी किसी को जोर-जबरदस्ती करके इसमें बांध दिया जाए तो इसे किस मायने में सही ठहराया जा सकता है ऐसा आज हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शादियों के इस सीजन के बीच पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है जिसमें पटना हाईकोर्ट ने एक मामले में बिहार के प्रसिद्ध पकड़ौआ विवाह को पूरी तरह से अवैध बताया है।
जबरन शादी पर कोर्ट ने लगाई रोक…
दरअसल,पटना हाईकोर्ट ने पकड़ौआ विवाह के एक मामले में अहम फैसला सुनाया है जिसमें कोर्ट ने जबरन कराई जाने वाली शादी पर रोक लगा दी है.कोर्ट का कहना है कि,जबरदस्ती की गई शादी मान्य नहीं होगी बंदूक की नोंक पर किसी युवती की मांग भरना शादी नहीं कहलाई जा सकती यानी कि,किसी भी महिला की मांग में जबरन सिंदूर भरना हिन्दू धर्म के कानून के मुताबिक शादी नहीं है।जब तक दूल्हा और दुल्हन पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर उसके चारों ओर फेरे नहीं लेते या दोनों के बीच आपसी सहमति नहीं हो तब तक शादी मान्य नहीं मानी जाएगी।
गवाह, सबूत के आधार पर पकड़ौआ विवाह को बताया अमान्य…
आपको बता दें कि,गुरूवार को पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अरूण कुमार झा और जस्टिस पीबी बजंथ्री ने 10 साल पहले हुए पकड़ौआ विवाह केस में सुनवाई की.कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गवाह और सबूत के आधार पर पकड़ौआ विवाह को अवैध करार दिया है।
बिहार के शख्स को जबरन शादी से मिली आजादी…
बिहार के नवादा निवासी एक शख्स की शादी 30 जून 2013 को पकड़ौआ विवाह के अंतर्गत जबरदस्ती कराई गई थी.शख्स अपने चाचा के साथ मंदिर गया था जहां उसे अगवा कर बंदूक की नोंक के दम पर जबरन लड़की की मांग भरवाई गई।जिसके बाद शख्स ने लखीसराय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में केस दायर कर सुनवाई की मांग की.शख्स ने इसके लिए फैमिली कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया लेकिन 27 फरवरी 2020 को कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी लेकिन जबरन शादी के केस में सुनवाई की मांग कर रहे शख्स ने हार नहीं मानी और पटना हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाते हुए पकड़ौआ विवाह को पूरी तरह से अवैध करार दिया है।