Kasganj News: कासगंज जनपद में महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर की निर्मम हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस हत्याकांड में उनके पति विजेंद्र तोमर द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर दो वकीलों समेत छह लोगों पर हत्या का आरोप दर्ज किया गया था। लगातार हो रहे धरना-प्रदर्शन और विरोध के बीच पुलिस ने आज चार आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। पुलिस की कार्रवाई के बाद भी मामला शांत होता नहीं दिख रहा, और इस कांड को लेकर अधिवक्ता संगठन और राजनीतिक दल लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
कांग्रेस ने उठाई पीड़ित परिवार की मदद की मांग
महिला अधिवक्ता की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी इस मामले में दखल दिया है। कांग्रेस ने कासगंज के जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा है, जिसमें पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है। पार्टी ने कहा है कि परिवार को न्याय और आर्थिक मदद मिलनी चाहिए, ताकि उन्हें किसी तरह की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
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अधिवक्ता संघ का आरोप: राजनीतिक दबाव में की गई गिरफ्तारी
गिरफ्तारी के बाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है, लेकिन गिरफ्तार किए गए वकीलों और उनके परिवार के खिलाफ ठोस सबूत न होने के बावजूद उन्हें जेल भेजा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने यह कार्रवाई की है। बार एसोसिएशन ने घोषणा की है कि वे इस मामले को उच्च न्यायालय में ले जाएंगे और मांग करेंगे कि जांच निष्पक्ष और तथ्यों के आधार पर की जाए, न कि राजनीतिक हस्तक्षेप के तहत निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया जाए।
पुलिस का बयान: पर्याप्त सबूतों के आधार पर की गई कार्रवाई
दूसरी ओर, पुलिस ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया है। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पुलिस के पास गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। उन्होंने कहा कि जांच को निष्पक्ष रखने के लिए अभी कुछ जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि अभी दो अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
धरने और प्रदर्शनों का दौर जारी
मोहिनी तोमर की हत्या के बाद से जिला प्रशासन और पुलिस पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। विभिन्न अधिवक्ता संगठनों द्वारा इस मामले के खुलासे की मांग को लेकर कासगंज और आस-पास के जनपदों में धरना-प्रदर्शन जारी हैं। महिला अधिवक्ता का शव गोरहा रजवाहे के पास नग्न अवस्था में मिला था, जिसने पूरे जिले में सनसनी फैला दी थी। इस जघन्य अपराध के बाद से ही अधिवक्ता संघ और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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गिरफ्तारी पर छिड़ी बहस
गिरफ्तार हुए आरोपियों में दो वकील और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। बार एसोसिएशन का कहना है कि बिना ठोस सबूतों के गिरफ्तारी की गई है और वे इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। वहीं, पुलिस का दावा है कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं, लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अभी ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती। इस हत्याकांड ने न सिर्फ कासगंज बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में कानूनी और राजनीतिक हलचल मचा दी है। अब देखना यह है कि मामले की जांच किस दिशा में जाती है और आरोपियों के खिलाफ कितनी मजबूती से कानूनी कार्रवाई होती है।