Indal Rawat Arrested: यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में पुलिस ने पूर्व विधायक इंदल रावत (Indal Rawat) को जालसाजी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. इंदल रावत, जो लखनऊ की मलीहाबाद सीट से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक रह चुके हैं, उन्हें करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने दो घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया, और अब इस मामले की जांच की जा रही है.
धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप
बताते चले कि इंदल रावत (Indal Rawat) पर आरोप है कि उन्होंने रियल स्टेट कंपनी राज इंफ्रा हाउसिंग के साथ धोखाधड़ी की है. आरोप के मुताबिक, इंदल रावत ने एक जमीन का सौदा कंपनी से किया, जो दरअसल उनके नाम पर नहीं थी. उन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार कर रजिस्ट्री करवाई और इसके माध्यम से कंपनी से करोड़ों रुपये हड़पे. रियल स्टेट कंपनी ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
शिकायत की शुरुआत और जांच प्रक्रिया
आपको बता दे कि रियल स्टेट कंपनी ने फरवरी के महीने में इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. कंपनी का कहना है कि साल 2014 में इंदल रावत (Indal Rawat) ने उनसे संपर्क किया और बेहटा सबौली स्थित एक जमीन का सौदा पेश किया. कंपनी ने इस जमीन का सौदा करने के लिए रावत के साथ एग्रीमेंट किया और इसके बदले उन्हें करोड़ों रुपये चुकाए. लेकिन बाद में कंपनी को पता चला कि जिस जमीन का सौदा हुआ था, वह इंदल रावत की नहीं थी.
कंपनी ने जब समझौता तोड़ते हुए पैसे की वापसी की मांग की, तो इंदल रावत ने इस मांग को ठुकरा दिया. इसके बाद कंपनी ने पुलिस से मदद मांगी और मामले की शिकायत दर्ज कराई.
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राजनीतिक करियर और हालिया घटनाक्रम
इंदल रावत का राजनीतिक करियर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से जुड़ा हुआ रहा है. वे 2012 से 2017 तक लखनऊ की मलीहाबाद सीट से विधायक रहे. हाल ही में, लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे. वर्तमान में उनके खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई उनके राजनीतिक जीवन पर भी असर डाल सकती है.
राजनीतिक करियर पर असर
इंदल रावत (Indal Rawat) की गिरफ्तारी और जालसाजी के आरोप उनके लंबे राजनीतिक करियर पर एक बड़ा धब्बा साबित हो सकते हैं. यह मामला न केवल राजनीतिक बल्कि कानूनी दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, और इसके माध्यम से यह सवाल उठता है कि कैसे कुछ लोग अपनी सत्ता और प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. पुलिस और कानूनी एजेंसियां अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं.
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