सहरसा संवाददाता : शिव कुमार
सहरसा : सहरसा के सोनवर्षा प्रखंड के बैठमुसहरी पंचायत के बसनहीं तरारही संथाली गांव में आज शनिवार को दो दिन का जितिया मेले का शुभारंभ हुआ। जिसका उद्घाटन पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने किया। यह मेला 1951 से लग रहा है जिसमे मंदिर में पूजा के बाद यहां के जनजाति समाज के द्वारा पूजा प्रारंभ के साथ ही अपना पारंपरिक नाच दसाई संथाल आदिवासी नृत्य कर मेले का शुभारम्भ किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सोनवर्षा के पूर्व विधायक तथा नवनिर्माण मंच के संस्थापक किशोर कुमार ने जितमहारानी की पूजा अर्चना कर संथाली युवकों के साथ ढोल-नगाड़ा बजा कर उसके साथ नृत्य कर मेले का शुभारंभ किया।
Read more : Nokia G42 5G पर मिल रही धमाकेदार छूट, कम कीमत में खरीदने का मौका
Read more : अफगानिस्तान में भूकंप की तबाही से लगभग 2,000 लोगों की मौत..
पुत्र के जीवन दीर्घायु की कामना करती हैं..
पूर्व विधायक बहुत दिन बाद यहां पहुंचे थे जिससे वे बेहद खुश थे। कार्यक्रम देर तक चलता रहा और दर्शक आनंद लेते रहे। मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और माता की पूजा करते हैं। उनका मतारानी पर अशीम विश्वास है। ऐसी मानता है की जो भी मन से मनोकामना करता है वह पूर्ण होता है। महिला निर्जला व्रत रख कर अपने पुत्र के जीवन दीर्घायु की कामना करती हैं।
Read more : अफगानिस्तान में भूकंप की तबाही से लगभग 2,000 लोगों की मौत..
अपने परिवार की चिंता..
इस अवसर पर किशोर कुमार ने कहा कि यह संस्कृति बहुत प्राचीन तथा समृद्ध है। हम जाति और धर्म से बाहर निकलना ही नहीं चाहते। नेता इस जाल से निकलने देना चाहते ही नहीं। चुनाव आते ही राजनीतिक दल जाति के तथाकथित नेता हमारे अंदर के जाति स्वभिमान को जगाकर कहता है कि जाति खतरे में है। वैसे नेता को जाति की चिंता नहीं बल्कि उसे अपने परिवार की चिंता है।
Read more : RBI की असिस्टेंट पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षा की तिथियों में हुआ बदलाव
जाति-धर्म-नफरत-भ्रष्ट तंत्र और वोट..
अभी जाति का सर्वे सरकार ने किया है। अनुसूचित जनजाति का जनगणना हर 10 वर्ष में सरकार करवाती है तो आज का आदिवास समाज पढ़ाई, दवाई, सफ़ाई, कमाई में सबसे पीछे क्यूं हैं । आज दो भारत बन गया है एक अमीर और दूसरा गरीब। सुविधा, नीति, विकास सब अमीर के ही आस पास है। गरीब के हिस्से में जाति-धर्म-नफरत-भ्रष्ट तंत्र और वोट है।