Hemant Soren : झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मामले में हाईकोर्ट की तरफ से जमानत मिल गई है.जिसके बाद 5 महीनों से जेल में बंद रहे हेमंत सोरेन को अब जेल से रिहाई मिल सकेगी.हेमंत सोरेन को ईडी ने जमीन घोटाले मामले में 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया था.
जमीन घोटाले से जुड़े मामले में ईडी की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अरेस्ट किया था जिसके बाद विपक्ष के तमाम दलों ने इसको लेकर मोदी सरकार का घेराव किया था.विपक्ष के तमाम दलों का सरकार के ऊपर आरोप था कि,मोदी सरकार जानबूझकर विपक्ष के नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों के जरिए परेशान कर रही है और फर्जी मामलों में फंसाकर उन्हें जेल में डाला जा रहा है।
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31 जनवरी 2024 को किया था गिरफ्तार
ईडी की टीम ने जमीन घोटाले से जुड़े मामले में पूर्व हेमंत सोरेन को 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तारी किया था तभी से वो रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं.इससे पहले 13 जून को सुनवाई के दौरान ईडी और बचाव पक्ष की ओर से बहस पूरी होने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था.हेमंत सोरेन 5 महीने से जेल में बंद हैं उनके ऊपर 31 करोड़ रुपये से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रुप से हासिल करने का आरोप है.हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 31 जनवरी को ईडी ने जमीन घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था जिसके बाद से ही वो रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जताई खुशी
शुक्रवार को सुबह डबल बेंच की सुनवाई के बाद जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की सिंगल बेंच ने अपना आदेश सुनाया.उन्होंने एक लाइन में अपना फैसला सुनाते हुए कहा,हेमंत सोरेन को जमानत दी जाती है.इसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हेमंत सोरेन को जमानत मिलने पर खुशी जताई है और कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.हाईकोर्ट में ईडी को उस वक्त झटका लगा जब जमानत पर 24 घंटे के स्टे लागने के उनके आग्रह को नामंजूर कर दिया गया।
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झारखंड की राजनीति में होगा बदलाव!
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील एस.वी.राजू ने दलील दी कि,अगर हेमंत सोरेन को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वो इसी तरह का अपराध फिर करेंगे.वहीं इंडिया गठबंधन के नेताओं और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने हेमंत सोरेन को जमानत मिलने पर अपनी खुशी जताई है.माना जा रहा है कि,हेमंत सोरेन के रिहा होने से झारखंड की राजनीति में बदलाव देखा जा सकता है।सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मीनाक्षी अरोड़ा ने हेमंत सोरेन की जमानत याचिका के लिए दलील पेश करते हुए कहा….जिस जमीन घोटाले के केस में इडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है दरअसल वो जमीन छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट के मुताबिक “भुईंहरी” नेचर की है और इसे किसी भी हालत में किसी भी व्यक्ति को बेचा या दिया नहीं जा सकता है.
उन्होंने आगे ये भी कहा कि,जमीन की लीज हेमंत सोरेन के नाम पर नहीं बल्कि राजकुमार पाहन के नाम पर है इस जमीन पर हिलेरियस कच्छप नाम का व्यक्ति खेती करता है और उसी के नाम पर यहां का बिजली कनेक्शन भी है इससे ये जाहिर होता है कि,हेमंत सोरेन का जमीन से कोई लेना-देना नहीं है।2009-10 में हेमंत सोरेन के ऊपर जब इस जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा था तो इसकी शिकायत भी नहीं दर्ज कराई गई थी 2023 में ईडी ने जब केस की कार्यवाही शुरु की तो बिना किसी ठोस सबूत के केवल कुछ लोगों के मौखिक बयान के आधार पर ये माना गया कि,जमीन हेमंत सोरेन की है।