Brahmos: ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को नागपुर कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इनके ऊपर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप लगे है. नागपुर कोर्ट ने आजीवन कारावस की सजा सुनाते हुए 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले पर अडिशनल सेशन्स कोर्ट जज एमवी देशपांडे ने आदेश देते हुए कहा कि अग्रवाल को क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के सेक्शन 235 के तहत सजा दी गई है, उसका अपराध सेक्शन आईटी एक्ट के सेक्शन 66 (एफ) और ऑफिशल सीक्रेट्स एक्ट (ओएसए) के तहत सजायोग्य है.
वहीं इस मामले पर विशेष लोक अभियोजक ज्योति वजानी ने कहा, ‘अदालत ने निशांत अग्रवाल को सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत आजीवन कारावास और 14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और उस पर 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.’
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एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था
आपको बता दे कि नागपुर में कंपनी के मिसाइल केंद्र के तकनीकी अनुसंधान अनुभाग में कार्यरत अग्रवाल को 2018 में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के सैन्य खुफिया और आतंकवाद विरोधी दस्तों (एटीएस) द्वारा एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, निशांत भारत की डीआरडीओ और रूस की सैन्य औद्योगिक कंसोर्शियम (एनपीओ माशिनोस्ट्रोयेनिया) के जॉइंट वेंचर- ब्रह्मोस एयरोस्पेस में सीनियर सिस्टम इंजीनियर पद पर कार्यरत थे. ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने पर काम कर रही है, जो कि जमीन, हवा, समुद्र और समुद्र के अंदर से भी लॉन्च की जा सकती है.
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विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज
बताते चले कि पूर्व ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंजीनियर पर भारतीय दंड संहिता और कड़े OSA के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. उसने चार साल तक ब्रह्मोस सुविधा में काम किया था और उन पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को संवेदनशील तकनीकी जानकारी लीक करने का आरोप था. ब्रह्मोस एयरोस्पेस रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के सैन्य औद्योगिक संघ (NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया) के बीच एक संयुक्त उद्यम है. निशांत अग्रवाल को पिछले अप्रैल में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने जमानत दी थी.
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क्या है पूरा मामला ?
साल 2018 में इस मामले ने हलचल मचा दी थी,जब ब्रह्मोस एयरोस्पेस से जुड़ा पहला जासूसी की मामला था. बता दे कि निशांत अग्रवाल 2 फेसबुक अकाउंट के जरिए संदिग्ध पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के संपर्क में था. ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी लीक करने के आरोप में यूपी ओर महाराष्ट्र एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने साल 2018 में नागपुर के पास से गिरफ्तार किया था.
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