Flood situation in UP : यूपी में नदियों के जलस्तर में तेजी और कमी के साथ बाढ़ की स्थिति में उतार-चढ़ाव जारी है। शाहजहांपुर में गर्रा और खन्नौत नदियों के उफान से उत्पन्न कठिनाइयों में अब कुछ राहत मिली है, क्योंकि बाढ़ का पानी कम हुआ है। हालांकि, दोनों नदियां अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं, जिससे संभावित खतरा बना हुआ है।
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बरेली-पीलीभीत में चार लोगों के डूबने से मौत
वहीं बरेली में बहगुल नदी के उफान से कई गांव प्रभावित हुए हैं। साथ ही यह है कि नदी में डूबने से दो बच्चों समेत तीन लोगों की मौत हो गई है। इसी तरह, पीलीभीत में भी एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई है। जिले में पिछले दो दिनों से बाढ़ थमी हुई है, लेकिन उत्तराखंड के धारचूला में बादल फटने के कारण पहाड़ी नदियों में उफान आया है।
इसके चलते बनबसा बैराज से पानी छोड़ा गया, जिससे पीलीभीत में शारदा नदी में दोबारा बाढ़ आने की आशंका है।इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और संभावित जोखिमों से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं ताकि लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।
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राप्ती नदी शनिवार को खतरे का निशान पार
संतकबीर नगर में राप्ती नदी शनिवार को खतरे का निशान पार कर गई। संतकबीर नगर के साथ ही देवरिया में भी सरयू खतरे के निशान के पास पहुंच गई है। आजमगढ़, मऊ और बलिया में शनिवार को सरयू के जलस्तर में कुछ घटाव हुआ लेकिन खतरे के निशान से अब भी ऊपर बह रही है।
वाराणसी, मीरजापुर में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। तटवर्ती इलाकों के लोग बाढ़ और कटान के खतरे के मद्देनजर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं। जौनपुर में बीते 24 घंटे में गोमती के जलस्तर में आठ फीट की वृद्धि दर्ज की गई है।
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17 जिलों में बाढ़ की स्थिति
राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में इस समय कुल 17 जिलों में बाढ़ की स्थिति है। इनमें पीलीभीत, लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहांपुर, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई और अयोध्या शामिल हैं। करीब साढ़े दस लाख की आबादी प्रभावित है। 66 तहसीलों के कुल 1273 गांवों में लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं।