Flipkart Refund Scam: फ्लिपकार्ट (Flipkart) ग्राहक सेवा प्रक्रिया के तहत काम कर रही एजिस कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Aegis Customer Support Services Pvt Ltd) में तीन कर्मचारियों ने साइबर जालसाजों के साथ मिलकर करीब 80 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया। ये कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम के दौरान फ्लिपकार्ट कंसोल सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी कर ऑर्डर की डिलीवरी भी लेते और फिर रिफंड का दावा कर पैसा वापस ले लेते थे।
तीन राज्यों से चल रही थी ठगी की साजिश
घोटाले में शामिल तीन आरोपी, राहुल जोनवाल (अजमेर, राजस्थान), शेख अब्दुल खादर जिलानी (कुरनूल, आंध्र प्रदेश), और तस्सारून नाजरीन (परगना, पश्चिम बंगाल), फ्लिपकार्ट कस्टमर सपोर्ट (flipkart customer support) में वर्क फ्रॉम होम की अनुमति के तहत काम कर रहे थे। इनका काम ग्राहकों के ऑर्डर की स्थिति जांचना और समस्या समाधान करना था।
कैसे दिया घोटाले को अंजाम?
एजिस कस्टमर सपोर्ट को फ्लिपकार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट कंसोल (Flipkart Console) नामक सॉफ्टवेयर दिया गया था, जो ऑर्डर की प्रक्रिया को ट्रैक करता है। आरोपियों ने ग्राहकों और जालसाजों के साथ मिलकर ऑर्डर बुक किए। डिलीवरी के बाद ऑर्डर कैंसिल कर दिया गया और रिफंड का दावा किया गया। डिलीवरी पार्टनर को किसी भी प्रोडक्ट की वापसी की सूचना नहीं दी गई, जिससे प्रोडक्ट डिलीवर हो गया और साथ ही रिफंड भी प्रोसेस हो गया। एजिस कंपनी ने जुलाई में इस गड़बड़ी का पता लगाया। जांच में सामने आया कि अप्रैल से जून 2024 के बीच इस घोटाले से फ्लिपकार्ट को 79,83,036 रुपये की क्षति हुई है।
एजिस कंपनी ने दर्ज कराई शिकायत

मीराबाई मार्ग स्थित एजिस कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज के अधिकारी विकास अहलावत ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। इस घोटाले ने वर्क फ्रॉम होम की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने दिखाया है कि किस तरह तकनीकी संसाधनों का दुरुपयोग कर कंपनियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा सकता है। फ्लिपकार्ट और एजिस जैसी बड़ी कंपनियां अब अपनी प्रक्रियाओं की निगरानी और सख्त करने की दिशा में काम कर रही हैं। फ्लिपकार्ट के इस बड़े घोटाले ने ई-कॉमर्स कंपनियों और ग्राहक सेवाओं में सुरक्षा उपायों की अहमियत को उजागर किया है। मामले में कानूनी कार्रवाई जारी है और यह देखना होगा कि जांच के बाद और क्या नए खुलासे सामने आते हैं।