Jamtara Cyber Crime: झारखंड की एक अदालत ने जामताड़ा (Jamtara) साइबर क्राइम मॉड्यूल से जुड़े पांच लोगों को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इनमें गिरोह का सरगना प्रदीप मंडल भी शामिल है। कोर्ट ने साथ ही प्रत्येक आरोपी पर ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज ‘जामताड़ा: सबका नंबर आएगा’ ने इस मामले को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है, जिसमें इन्हीं अपराधियों की धोखाधड़ी की घटनाओं को दिखाया गया था।
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जामताड़ा के ठगों को मिली सजा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बताया कि झारखंड की विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) कोर्ट ने धोखाधड़ी के आरोप में इन पांच लोगों को सजा सुनाई है। सभी आरोपी जामताड़ा जिले के निवासी हैं। अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत इन्हें 5 साल की कठोर सजा दी है। आरोपियों की पहचान गणेश मंडल (51), उनके बेटे प्रदीप कुमार मंडल (30), संतोष मंडल (51) और उनके बेटे पिंटू मंडल (33), और अंकुश कुमार मंडल (27) के रूप में हुई है।
फर्जी कॉल्स और बैंक धोखाधड़ी
आरोपी लोग फर्जी फोन कॉल्स के जरिए खुद को कंपनियों का प्रतिनिधि बताकर लोगों से उनके बैंक खाते की व्यक्तिगत जानकारी जुटाते थे। इसके बाद वे उनके खाते, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से पैसे चुराते थे। ईडी ने बताया कि आरोपियों ने अपने नाम पर आईएमपीएस, यूपीआई और डिजिटल वॉलेट जैसे पेटीएम, एमपेसा और फोनपे आदि का उपयोग करके धनराशि जमा की थी। इन पैसों का उपयोग वे अपने दैनिक घरेलू खर्चों और एक लग्जरी लाइफ जीने के लिए करते थे।
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नेटफ्लिक्स सीरीज जामताड़ा की सच्चाई
नेटफ्लिक्स पर 2020 में रिलीज हुई ‘जामताड़ा: सबका नंबर आएगा’ वेब सीरीज जामताड़ा जिले के कुछ अपराधियों द्वारा की गई धोखाधड़ी की वास्तविक घटनाओं पर आधारित है। धोखाधड़ी की घटनाओं के चलते जामताड़ा को साइबर क्राइम कैपिटल का नाम भी दिया गया है। पुलिस और जांच एजेंसियों ने अपराधियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें ज्यादातर आरोपी युवा थे। यह गिरोह झारखंड के नारायणपुर थाना क्षेत्र में छोटे से गांव मिरगा में बैठकर लोगों के बैंक खाते से पैसे उड़ा लेता था। इस खेल में उसका पूरा परिवार शामिल था।
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सजा के साथ जुर्माना और संपत्ति की कुर्की
कोर्ट ने पांचों आरोपियों को 5 साल की सजा के साथ ही प्रत्येक पर 2.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर आरोपियों को छह-छह महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। ईडी ने कहा कि आरोपियों की संपत्ति, जिसकी कुल कीमत लगभग 68 लाख रुपये है, को कुर्क कर लिया गया है। इसके साथ ही, आरोपियों के बैंक खातों की पहचान कर उनके खाते में जमा राशि को भी जब्त कर लिया गया है।
एफआईआर और आरोप पत्र का संज्ञान
ईडी ने झारखंड पुलिस की एफआईआर और आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद इन साइबर अपराधियों के खिलाफ पीएमएलए के तहत आपराधिक आरोप लगाए। इसमें उन पर एटीएम और बैंक खातों से अवैध निकासी का आरोप था। संघीय जांच एजेंसी ने मई 2019 में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया और उसके बाद सितंबर 2022 में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया।
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जामताड़ा में साइबर अपराध के आंकड़े
2021 में रांची से लगभग 210 किमी दूर जामताड़ा में 76 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए और 187 जालसाजों को गिरफ्तार किया गया था। 2022 में साइबर अपराधों के 72 मामले दर्ज किए गए और 97 जालसाजों को गिरफ्तार किया गया था। जामताड़ा साइबर क्राइम मॉड्यूल के इन पांच अपराधियों को सजा सुनाई गई है, जो एक सकारात्मक कदम है। लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या यह सजा पर्याप्त है? साइबर अपराधियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए, यह आवश्यक है कि इस तरह के अपराधों पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें। इसके साथ ही, लोगों को जागरूक करना भी जरूरी है ताकि वे इन फर्जी कॉल्स और धोखाधड़ी से बच सकें।
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