Digital- Aanchal Singh
First Women in India: हमारे पुरुष प्रधान समाज में कुछ महिलाएं ऐसी भी है जिन्होंने भारत में विभिन्न क्षेत्रों मे प्रथम महिला का दर्जा हासिल किया है। ऐसा मानते हैं कि महिलाएं पुरषों के मुकाबले हर क्षेत्र में जाने योग्य नहीं हैं। परन्तु ऐसा बिलकुल नहीं है। महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है। देश की तरक्की होने पर वे अब हर एक क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देश की तरक्की के लिए दे रही है। अगर हम बात करे आर्मी, मेडिकल, इंजीनियरिंग, स्पेस, राजनीति हरे क्षेत्र में महिलाओं का दबदबा अब आसानी से देखने को मिलता है। पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी आज की तारीख में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कदम मिलाकर साथ चल रही है।
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तो चलिए नजर ड़ालते भारत देश की प्रथम महिलाओं पर-
क्रिकेटर (शांता रंगास्वामी)
- शांता रंगास्वामी को भारतीय महिला क्रिकेट टेस्ट टीम की पहली कप्तान होने का गौरव प्राप्त है।
- पूर्व भारतीय महिला क्रिकेटर शांता रंगास्वामी अपने बल्ले से ना केवल दुनियाभर में खुद नाम कमाया, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम को भी एक अलग पहचान दिलवाई।
अभिनेत्री (देविका रानी)
- 1933 में भारतीय सिल्वर स्क्रीन पर डेब्यू करने वाली युवती देविका रानी को बोल्डनेस और परफेक्शन की आदत के लिए जाना जाता था।
- महान अभिनेत्री ने पितृसत्ता और समाज के कट्टर पाखंड को चुनौती दी।
डॉक्टर (आनंदी गोपाल जोशी)
- आज से 150 साल पहले तक महिलाएं डॉक्टर बनने के बारे में सोच भी नहीं सकती थीं. ऐसे माहौल में आनंदी गोपाल जोशी ने भारत की पहली महिला डॉक्टर बनकर इतिहास रचा।
- आनंदी ने 21 साल की उम्र में एमडी की डिग्री हासिल की। वह एमडी की डिग्री हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
- पढ़ाई पूरी करके वह भारत लौटीं और बाद में उन्होंने कोल्हापुर रियासत के अल्बर्ट एडवर्ड अस्प्ताल के महिला वार्ड में प्रभारी चिकित्सक के तौर पर काम किया।
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पायलट (सरला ठकराल)
- भारत में महिलाओं के पायलट बनने की शुरुआत 1936 में भारत की पहली महिला पायलट सरला ठकराल ने की थी।
- 1914 में जन्मीं सरला ठकराल ने 1936 में 21 साल की उम्र में एविएशन पायलट लाइसेंस हासिल किया और अकेले जिप्सी मॉथ उड़ाया।
आईएएस (अन्ना राजम मल्होत्रा)
- अन्ना राजम मल्होत्रा साल 1951 में वह आईएएस बनीं थीं।
- उन्होंने साल 1951 से 2018 तक आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं।
- अन्ना राजम मल्होत्रा ने सिविल सेवा परीक्षा को पहले ही प्रयास में क्लीयर कर लिया था
सेना अफसर (प्रिया झिंगन)
- प्रिया चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में जानें वाली कैडेट 001 बन गईं।
- इसी के साथ प्रिया भारतीय सेना में भर्ती होने वाली पहली महिला बन गईं।
साइंटिस्ट (अन्ना मणि)
- 1948 में भारत मौसम विज्ञान विभाग के लिए काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने देश को अपने स्वयं के मौसम उपकरणों के डिजाइन और निर्माण में मदद की।
- मणि बाद में भारत मौसम विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक बनीं और संयुक्त राष्ट्र विश्व मौसम विज्ञान संगठन में कई प्रमुख पदों पर रहीं।
साल 1987 में, उन्होंने विज्ञान में उल्लेखनीय योगदान के लिए INSA K. R. रामनाथन पदक जीता. उनकी सेवानिवृत्ति के बाद, उन्हें बेंगलुरु में रमन अनुसंधान संस्थान के ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया था।
ट्रांसजेंडर सब इंस्पेक्टर (पृथिका यशिनी)
- कानूनी लड़ाई लड़कर इन्होंने 25 साल की उम्र में पहली ट्रांसजेंडर पुलिस अफसर बनीं।
- कोर्ट द्वारा ट्रांसजेंडर्स को तीसरे कैटेगरी में रखने के बाद अपने जैसी दूसरी ट्रासजेंडर्स को भी उनका हक दिलवाया।
लोक सभा अध्यक्ष (मीरा कुमार)
- मीरा कुमार प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष होने के साथ-साथ वे आजाद भारत के कुल लोकसभा अध्यक्षों की सूची में वे 15वां स्थान रखती हैं।
- इस प्रकार सफल राजनीतिक जीवन को पार करते हुए मीरा कुमार वर्ष 2009 में इतिहास रचा वर्ष तथा वर्ष 2009 से 2014 तक उन्होंने भारत की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दी व मीरा कुमार के बाद यह पद वर्ष 2014 में सुमित्रा महाजन ने संभाला।
पत्रकार (हेमंत कुमारी देवी)
- हेमंत कुमारी देवी देश की पहली महिला पत्रकार बनी।
- हेमंत कुमारी वर्ष 1888 में इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाली महिलाओं की पत्रिका- ‘सुगृहिणी’ की संपादक थीं।