Arvind Kejriwal Bail hearing: गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की जमानत की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। ये याचिकाएं कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में सीबीआई (CBI) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Manu Singhvi) केजरीवाल का पक्ष रख रहे हैं।
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सिंघवी ने दी जोरदार दलीलें
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का नाम सीबीआई की प्राथमिकी में नहीं है और उन्हें गिरफ्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सिंघवी ने उल्लेख किया कि शीर्ष अदालत ने पहले मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी और कहा था कि वे समाज के लिए खतरा नहीं हैं। उन्होंने तर्क किया कि सीबीआई ने केवल पूछताछ के लिए गिरफ्तारी की थी, जो उनके अनुसार पूरी तरह से अनुचित थी। सिंघवी ने बताया कि “अरणेश कुमार” जजमेंट के अनुसार, 7 साल से कम सजा के मामलों में पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की जाती है, और गिरफ्तारी की आवश्यकता को लिखित में दर्ज करना होता है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अरविंद केजरीवाल के मामले में ऐसा कोई अंदेशा था कि वे दोबारा अपराध करेंगे।
जमानत के मामलों में तारीखों का दिया हवाला
सुनवाई के दौरान, सिंघवी ने कुछ महत्वपूर्ण तारीखों का हवाला दिया, जिससे यह सिद्ध होता है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का फैसला केवल उनके बाहर रहने से मुकदमे पर प्रभाव डालने के लिए किया गया था। उन्होंने उल्लेख किया कि 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका बड़ी बेंच को भेजी थी, लेकिन अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी।
सीबीआई की प्रतिक्रिया
सीबीआई के वकील एस वी राजू ने दलील दी कि उनके पक्ष में हर आदेश में उचित बातें दर्ज की गई हैं। राजू ने कहा कि सिंघवी केवल चुनिंदा तथ्यों को प्रस्तुत कर रहे हैं और पूरी स्थिति को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय ने पहले ही निर्देश दिया था कि जमानत याचिका पहले निचली अदालत में दाखिल की जाए, लेकिन केजरीवाल की टीम ने इसे सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की जिद की।
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अदालत ने दलीलें संक्षिप्त रखने की सलाह दी
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दलीलें संक्षिप्त रखने की सलाह दी। सिंघवी ने कहा कि वह अपनी दलीलें 12 बजे तक पूरी कर लेंगे और उम्मीद जताई कि सीबीआई के वकील भी इसी समय सीमा के भीतर अपनी दलीलें पेश करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में जमानत को नियम और जेल को अपवाद माना है और सीबीआई की कोशिश को निराधार बताया। हालांकि सीबीआई की कोशिश है कि अरविंद केजरीवाल को बाहर आने के लिए फिर नीचे से शुरुआत करनी पड़े।
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