New Delhi: विदेशी निवेश नियमों के उल्लंघन के मामलों में सरकार जल्द ही ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले सप्ताह इन कंपनियों के कुछ विक्रेताओं के यहां छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनसे एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नियमों के उल्लंघन का संदेह गहराया है। सूत्रों के अनुसार, इन दस्तावेजों के आधार पर अब ईडी दोनों कंपनियों के अधिकारियों से पूछताछ करने की योजना बना रही है।
एफडीआई नियमों के उल्लंघन का हुआ खुलासा
ईडी के मुताबिक, अमेजन और फ्लिपकार्ट के मुख्य विक्रेताओं पर की गई छापेमारी से ऐसे प्रमाण मिले हैं जो स्पष्ट करते हैं कि दोनों प्लेटफॉर्म्स एफडीआई नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। जांच में सामने आया कि इन कंपनियों ने खुद को केवल ऑनलाइन बाजार तक सीमित रखने के नियम का पालन नहीं किया, बल्कि विक्रेताओं की इन्वेंट्री पर पूरा नियंत्रण रखा। अमेजन और फ्लिपकार्ट का दावा था कि वे केवल बाज़ार के रूप में कार्य कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में विक्रेताओं पर इनका पूरा नियंत्रण था।
अप्पारियो पर विशेष फायदा पहुंचाने के आरोप
सूत्रों की मानें तो अमेजन के प्रमुख विक्रेता अप्पारियो के यहां भी छापा मारा गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, अप्पारियो को अन्य विक्रेताओं की तुलना में अतिरिक्त सुविधाएं और लाभ दिए गए, जैसे कि इन्वेंट्री प्रबंधन का विशेष अधिकार। वर्ष 2021 में रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में भी अप्पारियो को अमेजन का खास विक्रेता बताया गया था। अब इस मामले में ईडी के जांच के बाद यह साबित हो गया है कि अप्पारियो को विशेष लाभ देकर एफडीआई के नियमों का उल्लंघन किया गया है।
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छोटे व्यापारियों पर भी पड़ा असर
अमेजन और फ्लिपकार्ट की प्रतिस्पर्धा-रोधी नीतियों के चलते देश के छोटे व्यापारियों को व्यापारिक नुकसान हो रहा है। आरोप है कि ये कंपनियां चुनिंदा विक्रेताओं को बढ़ावा देकर छोटे व्यापारियों को बाजार से बाहर कर रही हैं। इन आरोपों की जांच के लिए ईडी ने बड़े पैमाने पर जांच अभियान शुरू किया है ताकि भारत के खुदरा बाजार को विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की अनियमित गतिविधियों से सुरक्षित रखा जा सके।
जोमैटो और स्विगी भी जांच के घेरे में
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ-साथ ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियां जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) भी जांच के दायरे में हैं। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) इन कंपनियों पर प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन और चुनिंदा रेस्टोरेंट चेन को विशेष लाभ देने के आरोपों की जांच कर रहा है। हालांकि, जोमैटो और स्विगी ने इन आरोपों को भ्रामक बताते हुए कहा है कि वे भारतीय कानूनों का पूरी तरह से पालन करते हैं।
ई-कॉमर्स बाजार में विदेशी निवेश और नियंत्रण का मुद्दा आया सामने
भारत का ई-कॉमर्स बाजार करीब 5.91 लाख करोड़ रुपये का है, जिसमें अमेजन और फ्लिपकार्ट का बड़ा हिस्सा है। डेटा इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लिपकार्ट की भारतीय ई-कॉमर्स में 32% और अमेजन की 24% हिस्सेदारी है। ये दोनों प्लेटफॉर्म भारत के कुल खुदरा बाजार का लगभग 8% कवर करते हैं। एफडीआई नियमों के अनुसार, विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां भारत में इन्वेंट्री नहीं रख सकती हैं और उन्हें केवल एक ऑनलाइन बाज़ार के रूप में कार्य करना चाहिए, लेकिन इन कंपनियों के विक्रेताओं पर नियंत्रण के मामले में नियमों का उल्लंघन सामने आया है। ईडी अब इन दोनों कंपनियों के अधिकारियों को समन जारी करने की तैयारी कर रहा है। अधिकारी पांच साल की अवधि में इन कंपनियों के लेनदेन और विक्रेताओं के कारोबार का पूरा हिसाब भी खंगालेंगे।
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