Falahari Baba : रेप केस में जेल की सजा काट रहे अलवर के फलाहारी बाबा को हाई कोर्ट से 20 दिन की पैरोल मिल गई है। राजस्थान हाई कोर्ट ने 20 दिन की पैरोल दी है। जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश दिए हैं।वहीं बाबा के आश्रम के महाराज सुदर्शनाचार्य ने कहा फलाहारी महाराज स्वस्थ हैं। वो किसी से मिलना व बात करना नहीं चाहते हैं। जब से वो जेल गए हैं तब से अभी तक वो मौन हैं। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने किसी से कोई बात नहीं की और सीधे एकांतवास में चले गए। उन्होंने कहा कि वह अकेले शांत रहना चाहते हैं। जेल में उनको बेहतर माहौल मिला।
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‘जेल में सिर्फ फल और दूध का आहार’
आश्रम के प्रभारी सुदर्शनाचार्य ने बताया कि-” राजस्थान हाई कोर्ट के द्वारा बाबा को पैरोल दी गई है, एक सामान्य नागरिक की हैसियत से उन्होंने पैरोल मांगी थी। जिला जेल प्रशासन ने भी उनके आचरण को लेकर सकारात्मक रिपोर्ट दी थी। जेल के नियम अनुसार, पहले उनका मेडिकल चेकअप किया गया, जिसमें बताया गया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। उनका वजन करीब 60 किलो है। 64 वर्षीय फलाहारी महाराज सजा सुनाई जाने के बाद से ही जेल में मौन व्रत धारण किए हुए हैं जो अभी भी जारी है। वे जेल में सिर्फ फल और दूध का आहार लेते थे। जेल में करीब 15 घंटे में भगवान का भजन करते हैं और मौन व्रत रखते हैं। 40 साल से अन्न बिल्कुल उपयोग नहीं करते।
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यह था पूरा मामला?
आपको बता दें कि फलाहारी बाबा के खिलाफ 11 सितंबर 2017 को छत्तीसगढ़ की बिलासपुर की रहने वाली 21 वर्षीय पीड़िता ने रेप का आरोप लगाया था। इस पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज करने के बाद पीड़िता का मेडिकल करवाकर और 164 के बयान दर्ज कर उसकी रिपोर्ट तैयार करके अलवर पुलिस को भेज दी थी।उसके बाद अलवर के अरावली विहार थाने में इस संबंध में मामला दर्ज किया था। इस केस में 9 मार्च 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के बयान दर्ज हुए थे।
पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल कर 84 दिन बाद 15 दिसंबर 2017 को बाबा के खिलाफ कोर्ट में 40 पन्नों की चार्जशीट फाइल की थी। उसके बाद 8 महीने तक इस मामले की सुनवाई चली। वहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश किए गए साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर 26 सितम्बर 2018 को एडीजे कोर्ट ने फलहारी बाबा को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। तब से फलहारी बाबा अलवर के सेंट्रल जेल में बंद हैं।