Hajj Yatra 2024: सऊदी अरब के मक्का-मदीना (makka-madeena) में हज (Hajj) करने पहुंचे यात्रियों पर भीषण गर्मी का कहर जारी है। पाकिस्तान के हज मिशन (Hajj Mission) के महानिदेशक अब्दुल वहाब (Abdul Wahab) सूमरो ने बुधवार को जानकारी दी कि 18 जून तक कुल 35 पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हो चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार, मरने वालों में सबसे अधिक मिस्र के नागरिक शामिल हैं।
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51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तापमान
सऊदी अरब (Saudi Arab) के सरकारी टीवी ने बताया कि सोमवार को मक्का की ग्रैंड मस्जिद (Grand Mosque) में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। भीषण गर्मी के कारण अब तक 35 पाकिस्तानी नागरिकों सहित 900 से अधिक हज यात्रियों (hajj pilgrims) की मौत हो चुकी है। मरने वालों में मिस्र (egypt) के 600, इंडोनेशिया (इंडोनेशिया) के 144, भारत (India) के 68, और जॉर्डन (Jordan) के 60 नागरिक शामिल हैं।
सऊदी ने आधिकारिक आंकड़े नहीं जारी किए
सऊदी अरब ने आधिकारिक तौर पर मौतों का आंकड़ा जारी नहीं किया है। हज का मौसम हर साल इस्लामी कैलेंडर (islamic calendar) के अनुसार बदलता रहता है और इस बार यह जून में पड़ा, जो सऊदी के सबसे गर्म महीनों में से एक है। भीषण गर्मी के बीच सऊदी अरब ने तीर्थयात्रियों को कुछ निश्चित समय के बीच ‘शैतान को पत्थर मारने’ की रस्म न करने की सलाह दी थी। सऊदी अरब में एक राजनयिक ने बताया कि ‘हमने करीब 68 लोगों की मौत की पुष्टि की है। कुछ की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है, जबकि कई बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की मौत गर्मी के कारण हुई है।’
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भीषण गर्मी और हीटस्ट्रोक का कहर
सऊदी नेशनल सेंटर फॉर मेटेरोलॉजी (Saudi National Center for Meteorology) के अनुसार, मंगलवार को मक्का और आसपास के पवित्र स्थलों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ‘शैतान को पत्थर मारने’ की रस्म के दौरान कुछ लोग बेहोश हो गए। हीटस्ट्रोक के कारण अब तक 645 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 68 से अधिक भारतीय शामिल हैं।
मृतकों की बढ़ती संख्या
पांच दिवसीय हज के दौरान अब तक कम से कम 645 लोगों की जान जा चुकी है। जॉर्डन (Jordan) और ट्यूनीशिया (tunisia) सहित कई देशों ने कहा है कि उनके कुछ तीर्थयात्रियों की मौत मक्का के पवित्र स्थलों पर पड़ने वाली गर्मी के कारण हुई है। भीषण गर्मी और चिलमिलाती धूप के बीच हज यात्रियों की मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।