Maharashtra-Jharkhand Assembly Election 2024: हरियाणा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने एक बार फिर से ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया…जिसको लेकर अब मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) की प्रतिक्रिया सामने आई है. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की आज तारीखों का ऐलान होने जा रहा है. ऐसे में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का जवाब आया है.
चुनाव आयोग के प्रमुख (Election Commission Chief) ने स्पष्ट किया है कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित और फूलप्रूफ हैं. राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने कहा, “जनता अपने मतदान के जरिए इन सवालों का जवाब देती है. जहां तक ईवीएम की बात है, वे 100% सुरक्षित हैं. पहले भी कई बार साबित हो चुका है कि ईवीएम में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी संभव नहीं है.” उन्होंने यह बयान तब दिया जब विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे.
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विपक्षी दलों का आरोप: ईवीएम में खामियां
बताते चले कि हरियाणा विधानसभा चुनावों (Haryana assembly elections) के बाद से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस नेताओं ने नतीजों के अगले ही दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ईवीएम में कथित खामियों के बारे में बात की थी. कांग्रेस के प्रमुख नेता पवन खेड़ा (Pawan Khera) और जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने ईवीएम की बैटरी पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत भी दर्ज करवाई थी. उनके अनुसार, चुनावों के दौरान ईवीएम में बैटरी और अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण गड़बड़ी हो सकती है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी हाल ही में ईवीएम की मौजूदा व्यवस्था पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इस तकनीक के कारण मतदाता के रूप में उनका संवैधानिक अधिकार छिन चुका है. उनका दावा था कि मध्य प्रदेश और हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस डाक मतपत्रों की गिनती में आगे थी, लेकिन ईवीएम के परिणामों में पार्टी को नुकसान हुआ.
राशिद अल्वी ने बैलेट पेपर की मांग की
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मंगलवार (15 अक्टूबर 2024) को महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी चुनावों में ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की. राशिद अल्वी ने कहा, “महाराष्ट्र में विपक्ष को ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से मतदान कराने पर जोर देना चाहिए. अन्यथा भाजपा सरकार और चुनाव आयोग कुछ भी कर सकते हैं.”
अल्वी ने ईवीएम पर संदेह जताते हुए अंतरराष्ट्रीय साजिश का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “अगर इजरायल पेजर और वॉकी-टॉकी के इस्तेमाल से लोगों को मार सकता है, तो ईवीएम कहां सुरक्षित है? प्रधानमंत्री के इजरायल के साथ अच्छे संबंध हैं और इजरायल ऐसी तकनीकी साजिशों में माहिर है. ईवीएम के जरिए बड़ा खेल हो सकता है.” उनका मानना है कि भाजपा चुनावों से पहले इस तकनीकी खेल का लाभ उठाती है.
चुनाव आयोग का जवाब: ईवीएम सुरक्षित हैं
मुख्य चुनाव आयुक्त (Election Commission Chief) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने विपक्षी दलों के इन आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ईवीएम में किसी प्रकार की गड़बड़ी संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर ईवीएम की सुरक्षा और विश्वसनीयता की जांच की गई है और इसमें किसी भी प्रकार की तकनीकी खामी नहीं पाई गई है. चुनाव आयोग के अनुसार, जनता का विश्वास ही सबसे बड़ी गारंटी है कि ईवीएम सुरक्षित और विश्वसनीय हैं.
राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने कहा, “मतदान प्रक्रिया में जनता की भागीदारी ही इस बात का सबूत है कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं है.” उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग हमेशा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनावों का संचालन करता है और इसमें किसी भी प्रकार की राजनीतिक हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं है.
ईवीएम पर लगातार बहस जारी
विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बावजूद चुनाव आयोग ईवीएम को सुरक्षित और विश्वसनीय मानता है. विपक्ष बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहा है, जबकि चुनाव आयोग (Election Commission) इस तकनीक के पक्ष में खड़ा है. आगामी महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष का यह मुद्दा किस तरह से चुनावी नतीजों को प्रभावित करता है. फिलहाल, ईवीएम पर बहस जारी है और दोनों पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं.