Doda Encounter: जम्मू रीजन के डोडा जिले में सोमवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी। इसमें सेना के एक कैप्टन समेत चार जवानों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। देश के रक्षा मंत्री, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल व सत्ता पक्ष और विपक्ष ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है।
इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी मंगलवार को जम्मू पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।इन बलिदानियों को मंगलवार शाम करीब पांच बजे जम्मू के तकनीकी हवाई अड्डे पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी, सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, प्रदेश प्रशासन, सेना, पुलिस व केंद्रीय सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी।
विशेष विमान से घरों के लिए होंगे रवाना
बुधवार सुबह इन वीर सैनिकों के पार्थिव शरीर तकनीकी एयरपोर्ट से विशेष विमान द्वारा उनके घरों की ओर रवाना किए जाएंगे। डोडा जिले के देसा क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में प्राणों की आहुति देने वाले कैप्टन ब्रजेश थापा बंगाल के निवासी थे, जबकि सिपाही विजेन्द्र और अजय राजस्थान के निवासी थे।
भारतीय सेना के चार जवान शहीद
डोडा जिले के देसा क्षेत्र में सोमवार को हुई मुठभेड़ में सेना और आतंकियों के बीच कड़ी टक्कर हुई। इस मुठभेड़ में आतंकियों को कड़ी टक्कर देते हुए भारतीय सेना के चार जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस मुठभेड़ में कई आतंकी भी मारे गए।
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श्रद्धांजलि समारोह
मंगलवार को जम्मू के तकनीकी हवाई अड्डे पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “इन वीर जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। उनका यह बलिदान कभी नहीं भुलाया जाएगा।” केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “इन सैनिकों के बलिदान से हमारा हौसला और बढ़ा है। हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूती से जारी रखेंगे।”
वीर जवानों के परिवार
कैप्टन ब्रजेश थापा बंगाल के रहने वाले थे और उनकी वीरता के किस्से उनके गांव में पहले से ही मशहूर थे। उनके परिवार में माता-पिता और दो छोटे भाई हैं। सिपाही विजेन्द्र और अजय राजस्थान के निवासी थे। विजेन्द्र के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है, जबकि अजय के परिवार में उनके माता-पिता और एक बहन हैं। इन वीर जवानों के बलिदान को पूरे देश ने नमन किया और उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की। इनके बलिदान ने फिर से यह साबित कर दिया कि भारतीय सेना के जवान किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सदैव तत्पर रहते