Surendra Jain On Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने पिछले दिनों मस्जिदों के नीचे खुदाई में मंदिर मिलने को लेकर एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने संभल के अलावा अन्य जगहों पर भी की जा रही खुदाई को लेकर कहा था कि,हमें हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की जरुरत नहीं है।मोहन भागवत ने कहा,कुछ लोग जगह-जगह मंदिर खोजकर राम मंदिर जैसा मुद्दा खड़ा करना चाहते हैं ताकि वो खुद को हिंदू नेता के तौर पर पेश कर सके।
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मोहन भागवत के बयान पर संत समाज में नाराजगी
मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा था हमें दुनिया को ये संदेश देना है भारत में सभी साथ रह सकते हैं लेकिन भारत को लेकर कुछ लोग नैरेटिव सेट करना चाहते हैं जिसके बाद उनके इस बयान को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जोड़कर देखा जाने लगा।मोहन भागवत का मंदिर-मस्जिद को लेकर दिया गया यह बयान संत समाज को नागवार गुजरा जिसके बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और रामभद्राचार्य ने भी मोहन भागवत के बयान की तीखी आलोचना की है।
VHP नेता सुरेंद्र जैन ने भी अपनी आपत्ति जताई
वीएचपी नेता सुरेंद्र जैन (Surendra Jain) मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के दिए बयान को लेकर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा,दुनिया को पता है मुस्लिम आक्रमणकारियों ने भारत में आकर लाखों मंदिरों को तोड़ा और उसकी जगह मस्जिदों का निर्माण करवाया आज भी जो यह समस्या खड़ी है वह भी मुस्लिमों की ही देन है।वीएचपी नेता ने कहा,संत समाज ने राम मंदिर आंदोलन के दौराम मुस्लिम पक्ष से कहा था,आप हमें अयोध्या,काशी,मथुरा सौंप दो हम अन्य सारे दावे छोड़ देंगे।
“अभी भी अगर काशी,मथुरा हमको सौंप दे तो…..”
विश्व हिंदू परिषद के नेता सुरेंद्र जैन (Surendra Jain) ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कहा,अयोध्या में मंदिर का निर्माण लंबी कानूनी लड़ाई के बाद संभव हो पाया और ऐसा हुआ क्योंकि मुस्लिम पक्ष ने हमारे प्रस्ताव को खारिज कर दिया।वीएचपी नेता ने कहा,हम अभी भी कहते हैं वे आसानी से मथुरा और काशी हमें सौंप दें अगर ऐसा करते हैं तो हम संत-समाज वर्ग को समझाने का प्रयास करेंगे लेकिन ऐसी स्थिति रही तो हम नहीं समझा पाएंगे।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कही बड़ी बात
वहीं मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान पर स्वामी संत शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी आपत्ति जताई है उन्होंने कहा,मोहन भागवत आम हिंदुओं का दर्द नहीं समझते जब महोन भागवत और उनके सहयोगी सत्ता में नहीं थे तो वे राम मंदिर बनाना चाह रहे थे और अब जब सत्ता में हैं तो ऐसे बयानों की कोई आवश्यकता भी नहीं है।स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा,आम हिंदू नेता बनने की आकांक्षा नहीं रखता है मोहन भागवत आम हिंदुओं की दुर्दशा को सही मायने में नहीं समझते।