देश की राजधानी दिल्ली में लोगों को महंगी बिजली बिजली महंगी हो सकती है। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट (पीपीएसी) से दिल्ली में बिजली शुल्क बढ़ाने को मंजूरी दी है।
दिल्ली: देश की राजधानी में दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग, DERC ने BSES यमुना और BSES राजधानी की मांग पर अपनी मुहर लगा दी है। जिसके बाद दिल्ली में बिजली की कीमतों में 10 फीसदी का इजाफा हो सकता है। इसके बाद PPAC (पावर परचेज एडजेस्टमेंट कॉस्ट) बढ़ा दिया गया है। PPAC के नाम पर उत्तरी दिल्ली जहां TDPL बिजली सप्लाई करती है उसके अलावा पूरी दिल्ली में बिजली महंगी हो जाएगी। BSES यमुना इलाके में तकरीबन 7% और BSES राजधानी इलाके में तकरीबन 10% की बढ़ोत्तरी की गई है। इससे दिल्ली वालों को बड़ा झटका लग सकता है। PPAC चार्ज उपभोक्ता द्वारा इस्तेमाल की गई कुल यूनिट बिजली पर लिया जाता है। लेकिन इससे उपभोक्तांओं पर असर नहीं पड़ेगा।
DERC ने स्वीकार कर ली मंजूरी…
बता दें कि दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने पावर डिस्कॉम, बीएसईएस यमुना, बीआरपीएल की अर्जियों को मंजूर कर लिया है। DERC ने 22 जून के एक आदेश में बिजली खरीद की ऊंची लागत के आधार पर इन कंपनियों की टैरिफ बढ़ाने की मांग को स्वीकार कर लिया है।
इतना ज्यादा करना होगा भुगतान…
दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के इस फैसले बाद ग्राहकों को अगले 9 महीनों के लिए यानी जुलाई 2023 से मार्च 2024 के बीच बीवाईपीएल कंज्यूमर को 9.42 फीसदी अधिक बिल का भुगतान करना पड़ सकता है। जबकि बीआरपीएल के ग्राहकों को 6.39 प्रतिशत अधिक बिल देना होगा। इसके अलावा एनडीएमसी इलाकों में रहने वाले लोगों को इस दौरान 2 फीसदी अतिरिक्त बिल चुकाना होगा।
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इन बातों का ध्यान रखना भी जरूरी…
बीएसईएस ने परामर्श में कहा है कि बच्चे जल जमाव वाले उद्यानों और विद्युत ढांचों के पास खेलने से बचें, भले ही उनके चारों ओर अवरोधक लगाए गए हों। डिस्कॉम ने परामर्श में कहा, ‘अपने परिसर में संपूर्ण वायरिंग की लाइसेंस प्राप्त विद्युत ठेकेदार से जांच कराएं। यदि मीटर केबिन में पानी का रिसाव हो रहा है, तो मुख्य स्विच को बंद कर दें। यह सुनिश्चित करने के बाद ही मुख्य स्विच चालू करें कि सभी त्रुटियां ठीक हो गई हैं। बिजली के झटके और दुर्घटनाओं से बचने के लिए अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर (ईएलसीबी) लगाएं।’
ये है दिल्ली सरकार का पक्ष…
दिल्ली सरकार के मुताबिक 0 बिल वालो पर इसका असर नहीं पड़ेगा। सरकार ही इसका खर्च वहन करने वाली है। बता दें कि टाटा पावर के अतिरिक्त अन्य कंपनियों ने पावर परचेज को लेकर डीईआरसी में अर्जी में लगाई थी।
भाजपा हुई हमलावर…
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरिश खुराना का कहना है, कि दिल्ली सरकार और बिजली कंपनी की मिलीभगत की वजह से दिल्ली की बिजली दरें बढ़ गई हैं। उन्होंने पूछा कि अरविंद केजरीवाल , यह बिजली कंपनी के साथ यह रिश्ता क्या कहलाता है। साथ ही कहा कि बड़ी बेशर्मी से आम आदमी पार्टी कह रही है यह तो हर साल PPAC गर्मी में बढ़ता है और सर्दी में कम हो जाता है। सच्चाई यह है पिछले साल जून में 16% से 22% कर दिया और वो आज तक रहा। अब 22% से 29% कर रहे हैं। वैसे केजरीवाल साहब आपने तो कहा था कि इन कंपनी का CAG ऑडिट करवाऊंगा, लेकिन आप कुछ नहीं कर रहे हैं. और हां क्यों नहीं, सब्सिडी को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ़र के ज़रिये लोगो को डायरेक्ट दे।
बता दें कि दिल्ली में रविवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन परिसर में 34 वर्ष की एक महिला की करंट लगने से मौत हो गई थी। बिजली के तार के संपर्क में आने से महिला को करंट लग गया था जिससे यह हादसा हुआ था।