UP by-elections: यूपी उपचुनाव (UP by-elections) को लेकर इस समय सभी राजनीतिक दलों के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है. सीएम योगी (CM Yogi) का “बंटेंगे तो कटेंगे” वाला बयान इस समय राजनीतिक गलियारों में सुर्खियों में छाया हुआ है. उनके बयान का जवाब देने के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने पोस्टर वार शुरू कर दी है. समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर प्रवक्ता अभिषेक बाजपेई द्वारा एक नया पोस्टर लगाया गया. इस पोस्टर में लिखा है, “PDA की होगी जीत, एकता की होगी जीत. अली भी है बजरंगबली भी हैं, संग पीडीए के एकता की टोली भी है, जिसे देख विरोधियों में मच गई खलबली भी है.”
‘सपा से जुड़ेंगे तो सेफ रहेंगे, नेक रहेंगे’
सपा के लोहिया वाहिनी के उपाध्यक्ष मृत्युंजय यादव ने भी प्रतिक्रिया देते हुए नया नारा दिया – “जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे.” इसी क्रम में सपा नेता रणजीत सिंह ने एक पोस्टर लगाया, जिसमें लिखा है, “बांटने वाले बांट नहीं पाएंगे, काटने की बात करने वाले 2027 में मुंह की खाएंगे. सपा से जुड़ेंगे तो सेफ रहेंगे, नेक रहेंगे.” अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद कमाल ने भी एक पोस्टर में कहा, “न कटेंगे ना बटेंगे, पीडीए से जुड़ेंगे तो सफलता की उड़ान भरेंगे.”
बसपा भी पोस्टर वार में शामिल
आपको बता दे कि, आमतौर पर पोस्टर राजनीति से दूर रहने वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी इस बार इस पोस्टर वार में शामिल हो गई है. बसपा कार्यालय के बाहर एक होर्डिंग लगाई गई है जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती के नारे को प्रमुखता से दर्शाया गया है, “बीएसपी से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित भी रहेंगे.” यह पोस्टर बसपा नेता सरवर मालिक और उनकी पत्नी शाहीन बानो ने लगाया है, जो बसपा की ओर से समाज में एकता और सुरक्षा का संदेश देने का प्रयास है.
नारों का असर और जनता की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में इस पोस्टर वार से चुनावी माहौल गर्मा गया है. सपा अपने “पीडीए” (पिछड़े-दलित-अल्पसंख्यक) गठबंधन को बढ़ावा देने में लगी है, जबकि बीजेपी योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के बयान के माध्यम से अपनी ताकत को दिखाने का प्रयास कर रही है. अब देखना यह है कि जनता इन नारों के जवाब में किस ओर झुकती है. क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) का नारा बीजेपी को जीत दिलाने में सफल होगा, या फिर समाजवादी पार्टी का नारा पीडीए रणनीति और इंडिया गठबंधन को आगे ले जाने में मददगार साबित होगा? आगामी चुनावी नतीजे ही बताएंगे कि इन नारों का जनमानस पर क्या प्रभाव पड़ता है और किसे इसका फायदा मिलता है.