गाजियाबाद संवाददाता- Praveen Mishra…
गाजियाबाद: यही वजह है कि अक्सर इनमें आग लग जाया करती है प्लास्टिक का गोदाम होने की वजह से आज काफी बड़ी और भयंकर आग लगी है इससे पहले भी कई बार इस इलाके में प्लास्टिक के गोदाम में आग लग चुकी है लेकिन हर बार प्रशासन की एक बड़ी अनदेखी इस पूरे मामले में सामने आती है क्योंकि एक तो यहां पर काफी संख्या में अवैध कबाड़ प्लास्टिक के गोदाम है उन पर भी सुरक्षा के मांगों की बात की जाए तो यह सभी वहां हर तरीके से फेल नजर आते हैं।
प्लास्टिक के कबाड़ के गोदाम में लगी…
बावजूद इसके यहां आग लगती है और हर बार की तरह आग को काबू में करने के लिए तमकाल विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है इस बार की आज भी एक प्लास्टिक के कबाड़ के गोदाम में लगी है और हर बार की तरह दमकल विभाग ने इस बार भी आग पर काबू तो पा लिया है लेकिन जो और कबाड़ के अवैध गोदाम यहां फल फूल रहे हैं उन पर किस तरीके से प्रतिबंध लगाया जाए प्रशासन को यह जरूर सोचना चाहिए जिससे आने वाले समय में इस तरीके की घटनाओं और अवैध गोदाम पर पूर्णत प्रतिबंध लगा सके
गाजियाबाद में एक बार फिर बड़ी संख्या में पहुंचे किसान आज करेंगे यज्ञ और हवन…
गाजियाबाद: 2018 में किसानों ने निकाली थी हरिद्वार से पैदल यात्रा, 2 अक्तूबर 2018 में पैदल यात्रा निकाल गाजियाबाद पहुंचे किसान जाना चाहते थे दिल्ली गांधी जी की समाधि पर। दिल्ली पुलिस द्वारा बॉर्डर पर बेरिकेटिंग कर किसानों को रोका गया था। किसानों को रोके जाने पर किसानों का दिल्ली पुलिस से हुआ था टकराव।
किसान क्रांति गेट के रूप में किया गया…
किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का किया गया था इस्तेमाल पुलिस से हुए टकराव में कई किसान हुए थे घायल।किसानों के कई टैक्टर भी उस दौरान गए थे टूट। जिसके बाद किसानों द्वारा यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर का किसान क्रांति गेट के रूप में किया गया नामकरण। उस घटना के विरोध में किसान आज के दिन को किसान यहां इकट्ठा होकर किसान क्रांति दिवस के रूप में मनाते हैं और यहां बॉर्डर पर ही हवन करते हैं ।
कार्यक्रम को लेकर भारी पुलिस बल…
किसानों के आज यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर इकट्ठा होकर यज्ञ हवन करने के कार्यक्रम को लेकर भारी पुलिस बल भी है मौके तैनात। यूपी बॉर्डर के एक रास्ते को भी किसानों के हवन के चलते किया गया है बंद।आज दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की भी है जयंती। इसी के चलते हर साल बॉर्डर पर पहुंचते हैं किसान ।