Lucknow News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है। राजधानी लखनऊ में कानपुर रोड पर स्थित करोड़ों रुपये की जमीन को जब्त कर लिया गया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा की जमीन कानपुर रोड स्थित स्कूटर इंडिया के सामने है। ईडी की टीम अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए बुलडोजर भी साथ ले गई है।
एनआरएचएम घोटाले के है मुख्य आरोपी
बसपा सरकार में हुए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल तत्कालीन मंत्री और समाजवादी पार्टी के सांसद बाबू सिंह कुशवाहा की लखनऊ में स्थित बेशकीमती जमीन को प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर लिया है। इस भूमि पर बाबू सिंह द्वारा संचालित हिंदी अखबार की प्रिंटिंग मशीन लगी हुई है, साथ ही कृषि योग्य भूमि भी है। ईडी की जांच में इस जमीन की जानकारी मिली थी, जिसके बाद भ्रष्टाचार से अर्जित इस भूमि को जब्त किया गया।
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बेनामी संपत्तियों की कुंडली
ईडी ने जांच में पाया कि सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा ने एनआरएचएम और उप्र श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) में भ्रष्टाचार कर कमाई गई अरबों की रकम को बेनामी संपत्तियों में लगाया था। एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि बहुत सी संपत्तियां बाबू सिंह कुशवाहा के परिवार और कुछ उनके करीबियों के नाम पर हैं। अब तक ईडी ने करीब ढाई सौ करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है।
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दस साल की जांच और नई कार्रवाई
दस वर्षों से ईडी बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही है। इसके अलावा ईडी ने आय से अधिक संपत्ति का भी मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान ईडी को पता चला था कि कुशवाहा ने घोटालों की रकम से कई बेनामी संपत्तियां बनाई हैं। कानपुर रोड स्थित जमीन को कुशवाहा ने विंध्य शक्ति सीमेंट कंपनी के नाम से खरीदा था।
राजनीतिक सफर और जीत
बाबू सिंह कुशवाहा ने वर्षों का राजनीतिक वनवास काटने के बाद लोकसभा चुनाव 2024 में जीत दर्ज की थी। समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपने टिकट पर जौनपुर सीट से उतारा था और भाजपा के कृपाशंकर सिंह को मात दी थी। जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह के भाजपा को समर्थन दिए जाने के बाद भी कुशवाहा ने अपनी जीत का परचम लहराया। एनआरएचएम घोटाले में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को लगभग पौने चार साल जेल में रहने के बाद जमानत मिली थी।
सीबीआई ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की जांच उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद 2012 में शुरू की थी। पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा सहित एक दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज करके जांच शुरू की थी। इसके बाद ट्रस्ट और 10 कंपनियों की 196 करोड़ रुपये की संपत्ति भी ईडी ने अटैच की थी।
ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई
शुक्रवार को ईडी ने लखनऊ के कानपुर रोड पर स्थित बाबू सिंह कुशवाहा की बेशकीमती संपत्ति को जब्त कर लिया। ईडी की टीम भारी भरकम फोर्स और बुलडोजर के साथ कानपुर रोड पर पहुंची। टीम ने करोड़ों की जमीन को जब्त करने के साथ ही निर्माण भी तोड़वा दिए। यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है जो मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक सख्त संदेश भेजती है। इससे साफ है कि कानून का हाथ लंबा है और भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। समाज को यह संदेश जाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में सभी को साथ देना होगा और ईडी जैसी एजेंसियों के प्रयासों का समर्थन करना होगा।
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